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सुशासन सप्ताह के अंतर्गत मुरैना विजन -2047 पर व्यापक कार्यशाला, विकास का रोड मेप तैयार करने पर जोर

सुशासन सप्ताह के अंतर्गत मुरैना में विज़न-2047 पर व्यापक कार्यशाला, विकास का रोडमैप तैयार करने पर जोर

मुरैना 24 दिसम्बर, 2025/पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती 25 दिसंबर के अवसर पर वर्ष 2021 से प्रारंभ सुशासन सप्ताह के अंतर्गत मुरैना जिले में एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन कलेक्ट्रेट सभागार में बुधवार को किया गया। इस वर्ष सुशासन सप्ताह की थीम “प्रशासन गांव की ओर” रखी गई है, जिसका उद्देश्य शासन की योजनाओं और सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक प्रभावी रूप से पहुंचाना है। कार्यशाला के मुख्य अतिथि मुरैना जिले के पूर्व कलेक्टर श्री राधेश्याम जुलानिया रहे। कार्यशाला में कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़, जिला पंचायत के सीईओ श्री कमलेश कुमार भार्गव, अपर कलेक्टर श्री अश्विनी कुमार रावत, समस्त विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे।

2047 तक मुरैना के विकास का विज़न

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वर्ष 2047, जब भारत अपनी आज़ादी के 100 वर्ष पूर्ण करेगा, तब मुरैना जिले को विकास के किस पथ पर ले जाना है, इसके लिए एक सशक्त और व्यावहारिक विजन डॉक्यूमेंट तैयार करना रहा। बैठक के दौरान जिले के सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य संबंधी भविष्य को ध्यान में रखते हुए व्यापक मंथन किया गया।

सुशासन सप्ताह के अंतर्गत प्रमुख गतिविधियां

कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़ ने मुख्य अतिथि को अवगत कराते हुए बताया कि सुशासन सप्ताह के अंतर्गत जिले में विभिन्न सेवाओं को कैंपेन मोड में संचालित किया जा रहा है। विभिन्न विभागों की ई-केवाईसी प्रक्रिया एक ही स्थान पर कराई जा रही है। आय, जाति, मृत्यु, निवास जैसे प्रमाण-पत्र समय-सीमा में वितरित किए जा रहे हैं। पेंशन, समग्र आईडी, आयुष्मान कार्ड और योजनाओं के पंजीयन हेतु विशेष शिविर लगाए जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के पात्र हितग्राहियों को लाभ दिया जा रहा है।
राजस्व विभाग की सेवाओं में नामांतरण, बंटवारा और सीमांकन के मामलों का त्वरित निराकरण सुनिश्चित किया जा रहा है। जिन प्रकरणों में आदेश पारित हो चुके हैं, लेकिन अमल नहीं हुआ है, उन्हें तीन दिवस में पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष फोकस

स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर गैर संचारी रोगों जैसे ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच कराई जा रही है। आशा कार्यकर्ताओं के माध्यम से अधिकतम कवरेज सुनिश्चित किया जा रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा 1 से 18 दिसंबर के बीच अनुपस्थित रहे विद्यार्थियों के घर जाकर अभिभावकों से संपर्क किया गया, ताकि बच्चों को पुनः विद्यालय से जोड़ा जा सके और ड्रॉपआउट दर को कम किया जा सके। आउट ऑफ स्कूल चिल्ड्रन सर्वे के माध्यम से छूटे हुए बच्चों के प्रवेश की कार्रवाई भी की जा रही है।
कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन में विविधीकरण बैठक में किसानों की आय दोगुनी करने को मुख्य लक्ष्य बताया गया। इसके लिए फसल विविधीकरण, उद्यानिकी को बढ़ावा, प्राकृतिक और जैविक खेती पर जोर दिया गया।
पशुपालन क्षेत्र में दुग्ध मार्ग विकास, पैक्स समितियों को बहुउद्देशीय गतिविधियों से जोड़ने की योजना पर चर्चा हुई।मत्स्य पालन में केज कल्चर को अगले पांच वर्षों में विकसित कर इसे राज्य स्तरीय प्राथमिकता क्षेत्र बनाने का विज़न रखा गया।

मुख्य अतिथि का मार्गदर्शन

मुख्य अतिथि श्री राधेश्याम जुलानिया ने कहा कि 2026 से 2047 का समय एक ट्रांजिशन पीरियड होगा। हमें यह स्पष्ट करना होगा कि 2047 में हम अपने जिले को किस रूप में देखना चाहते हैं। विज़न डॉक्यूमेंट किसी भी जिले की दिशा और दशा बदल सकता है। उन्होंने कहा कि प्रशासन की प्राथमिकता यह होनी चाहिए कि भविष्य में शिकायतों की आवश्यकता ही न पड़े। ग्रेवेंस-फ्री एडमिनिस्ट्रेशन, टू-मिनट रूल, त्वरित जनसेवा और प्रभावी शिकायत निवारण ही सुशासन की पहचान है।

सतत विकास और सामाजिक क्षेत्र

बैठक में मुख्य अतिथि द्वारा सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजीएस) जैसे गरीबी उन्मूलन, पोषण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, लैंगिक समानता और संस्थागत प्रसव पर विशेष जोर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग में प्रिवेंटिव, क्युरेटिव और मेडिकल एजुकेशन को समान महत्व देने, अस्पतालों के अधोसंरचना विकास और स्कूलों में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता बताई गई।

शिक्षा और मानव संसाधन विकास

शिक्षा को विकास की नींव बताते हुए शिक्षकों और छात्रों की भूमिका पर विशेष चर्चा हुई। शिक्षक प्रशिक्षण, अभिभावक-शिक्षक समन्वय, छात्र-केंद्रित वातावरण और सीखने के परिणामों के मूल्यांकन पर जोर दिया गया।
कार्यशाला के अंत में विभागवार ब्रेन-स्टॉर्मिंग सत्र आयोजित किया गया, जिसमें मुरैना जिले को आत्मनिर्भर, निर्यात-उन्मुख और समावेशी विकास की ओर ले जाने के लिए ठोस रोडमैप तैयार किया गया। सुशासन सप्ताह के माध्यम से जिले में पारदर्शी, जवाबदेह और जनोन्मुखी प्रशासन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास के लिए श्री जुलानिया ने कहा कि कलस्टर स्तर पर 20 से 25 हजार की आवादी पर सरपंच, सचिव, जीआरएस सभी को जोड़े, नए-नए नवाचार करें, ताकि 3 साल में आय तीन गुना हो जाए। इसके लिए सशक्त स्व-सहायता समूह की महिलाओं को जोड़े। जिससे एक समूह में 10 महिलाएं जुड़ेंगी तो अवश्य उनके परिवार में विकास होगा। इसके लिए सोशल सेक्टर में समूह की महिलाओं को जोड़कर कॉर्मिशियल फायनेंस को बढ़ावा देना होगा।

श्री जुलानिया ने कहा कि नगरीय निकायों में प्रमुखतः तीनों बात का ध्यान रखें, जिसमें रेगूलेशन का मतलब बिल्डिंग परमीशन, सिटी डब्लपमेंट पर ध्यान दें। मैंटेनेंस के तहत प्रतिदिन नाले, नाली, सड़कों की सफाई हो और डब्लपमेंट में मास्टर प्लान, सीवरेज, इनवेस्टमेंट जैसे कार्यो को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि स्व-सहायता समूह को प्रेरित करें, गोबर के प्लांट लगवाएं, प्लांट स्वंय की क्षमता पर वहन करें। उन्होंने कहा कि टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें, मैंने ऐसा क्या किया है कि दूसरे के लिए लाभकारी हो। शोर्ट प्लान बनाए और लॉगटम प्लान बनाकर किस तरीके से लोगों को लाभान्वित किया जा सकता है।
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#SushasanSaptah2025 #prashasangaonkiore Department of Administrative Reforms and Public Grievances (DARPG), Government of India CM Madhya Pradesh

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