
सत्ता का नशा उतरा। ! एक ही आदेश से पूरी ग्राम पंचायत बर्खास्त, अकोला में ऐतिहासिक कार्रवाई
अकोला जिले के बार्शीटाकळी तहसील अंतर्गत आने वाली जनुना ग्राम पंचायत में एक बेहद बड़ी और ऐतिहासिक प्रशासनिक कार्रवाई की गई है। कर्तव्य में लापरवाही और कार्यप्रणाली में गंभीर अनियमितताओं के आरोपों के चलते अमरावती विभाग के अपर आयुक्त ने ग्राम पंचायत के शेष सभी 6 सदस्यों को अपात्र घोषित कर दिया है।
इस फैसले के साथ ही पूरी ग्राम पंचायत बर्खास्त हो गई है। प्रशासनिक हलकों में इसे अकोला जिले की अब तक की पहली और सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है, जिससे जिले के राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।
क्या है पूरा मामला?
अमरावती विभाग के अपर आयुक्त सूरज वाघमारे ने 16 दिसंबर 2025 को यह ऐतिहासिक आदेश जारी किया। यह कार्रवाई महाराष्ट्र ग्राम पंचायत अधिनियम 1959 की धारा 39(1) के तहत की गई है।
इस आदेश में उपसरपंच विजय धनसिंग जाधव सहित सदस्य रोहित बालू पवार, मीरा मोतीराम जाधव, बुगाबाई मुंदीलाल पवार, संजय हरिचंद्र पवार और दयाराम बोंद्राजी घोड़े को अपात्र ठहराया गया है।
पूरी बॉडी हुई अपात्र
जनुना ग्राम पंचायत में कुल 9 सदस्य हैं। इनमें से 3 सदस्य पहले ही अलग-अलग मामलों में अपात्र ठहराए जा चुके थे। अब शेष 6 सदस्यों पर भी कार्रवाई होने से ग्राम पंचायत के सभी 9 सदस्य अपात्र हो गए हैं।
एक साथ पूरी ग्राम पंचायत का अपात्र होना जिले में अत्यंत दुर्लभ घटना मानी जा रही है।
गांव के विकास पर सवाल
इस कार्रवाई के बाद गांव के विकास कार्यों और प्रशासनिक फैसलों पर फिलहाल अनिश्चितता के बादल छा गए हैं। वहीं, ग्रामवासियों के बीच इस फैसले को लेकर तेज़ चर्चाएं चल रही हैं।
यह कार्रवाई प्रशासन की सख्ती और जवाबदेही का बड़ा उदाहरण मानी जा रही है, जिसने यह संदेश साफ कर दिया है कि सत्ता का दुरुपयोग और कर्तव्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।