
अब सीधे मोबाइल पर मिलेगा सिग्नल !
श्रीहरिकोटा से ब्लू-बर्ड-2 का सफल प्रक्षेपण !
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज, 24 दिसंबर 2025 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से अमेरिका के 'ब्लू बर्ड ब्लॉक-2' (BlueBird Block-2) उपग्रह का सफल प्रक्षेपण कर एक नया इतिहास रच दिया है।
यह मिशन न केवल भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक संचार तकनीक में भी एक बड़ी क्रांति का संकेत है।
मिशन से जुड़ी प्रमुख जानकारी (संक्षेप में):-
1. रॉकेट:-इसरो के सबसे शक्तिशाली रॉकेट "LVM3-M6" (जिसे 'बाहुबली' भी कहा जाता है) का उपयोग किया गया।
2. प्रक्षेपण का समय:-बुधवार सुबह 8:54 AM पर।
3. वजन:-यह उपग्रह लगभग 6,100 - 6,500 किलोग्राम का है, जो भारतीय मिट्टी से लॉन्च किया गया अब तक का सबसे भारी पेलोड है।
4. कंपनी:- यह अमेरिकी कंपनी AST SpaceMobile का अगली पीढ़ी का संचार उपग्रह है।
5. सफलता:-रॉकेट ने लॉन्च के करीब 15-16 मिनट बाद उपग्रह को पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में सटीक रूप से स्थापित कर दिया।
= ब्लू बर्ड 2 क्यों खास है?
यह दुनिया का सबसे बड़ा वाणिज्यिक संचार उपग्रह है। इसमें 2,400 वर्ग फीट का एक विशाल एंटीना लगा है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह "बिना किसी टावर या विशेष हार्डवेयर के, सीधे आपके सामान्य स्मार्टफोन पर 4G और 5G कनेक्टिविटी" प्रदान करने में सक्षम है।
इस सफल मिशन के दूरगामी प्रभाव होंगे:
1. नेटवर्क टावर की जरूरत खत्म:- यह उपग्रह सीधे अंतरिक्ष से मोबाइल सिग्नल भेजेगा। इससे उन दुर्गम इलाकों (जैसे पहाड़, समुद्र या ग्रामीण क्षेत्र) में भी हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगा जहाँ टावर लगाना असंभव है।
2. भारत की ग्लोबल साख:-इतने भारी उपग्रह को सफलतापूर्वक लॉन्च कर इसरो ने दुनिया को दिखा दिया है कि वह भारी कमर्शियल पेलोड्स के लिए एक विश्वसनीय और सस्ता विकल्प है। इससे भारत के अंतरिक्ष बाजार (Space Economy) को बड़ा बढ़ावा मिलेगा।
3. डिजिटल डिवाइड कम होगा:- दुनिया के अरबों लोग जो अभी भी इंटरनेट से वंचित हैं, उन्हें इस तकनीक से जोड़ा जा सकेगा।
4. आपदा में सहायक:-प्राकृतिक आपदा के समय जब जमीनी नेटवर्क (टावर) ठप हो जाते हैं, तब यह सैटेलाइट नेटवर्क वॉयस और डेटा सेवाएं चालू रखने में जीवन रक्षक साबित होगा।
मनीष सिंह
शाहपुर पटोरी
@ManishSingh_PT