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हिस्ट्रीशीटर व गैंगस्टर वकीलों के लाइसेंस होंगे निलंबित: यूपी बार काउंसिल ने हाईकोर्ट में दिया आश्वासन

प्रयागराज।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने स्पष्ट किया है कि जिन अधिवक्ताओं के विरुद्ध पुलिस रिकॉर्ड में हिस्ट्रीशीटर या यूपी गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत गैंगस्टर के रूप में नाम दर्ज है, उनके प्रैक्टिस लाइसेंस (Certificate of Practice) निलंबित किए जाएंगे।
यह जानकारी न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की एकल पीठ के समक्ष प्रस्तुत की गई। मामला इटावा निवासी एक अधिवक्ता की याचिका से जुड़ा है, जिसमें ट्रायल कोर्ट द्वारा एक पुलिस कांस्टेबल के खिलाफ की गई शिकायत खारिज किए जाने को चुनौती दी गई थी। याची ने कांस्टेबल पर मारपीट का आरोप लगाया था।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के अधिवक्ता ने याची के आपराधिक इतिहास की ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित किया और बताया कि उसके विरुद्ध गंभीर प्रकृति के कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। इस पर हाईकोर्ट ने यूपी बार काउंसिल से आपराधिक मामलों में संलिप्त अधिवक्ताओं की सूची तलब की।
यूपी बार काउंसिल की ओर से प्रस्तुत रिकॉर्ड में बताया गया कि जिन अधिवक्ताओं के खिलाफ पुलिस द्वारा हिस्ट्रीशीट खोली गई है या जो गैंगस्टर के रूप में सूचीबद्ध हैं, उनके लाइसेंस निलंबन की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, काउंसिल ने उन अधिवक्ताओं की सूची भी न्यायालय में पेश की, जिनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही वर्तमान में लंबित है।
बार काउंसिल ने यह भी बताया कि प्रदेश में कुल 5,14,439 अधिवक्ता नामांकित हैं, जिनमें से केवल 2,49,809 अधिवक्ताओं को ही अब तक सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस (COP) जारी किया गया है। वहीं, 2,539 अधिवक्ताओं के खिलाफ 3,139 आपराधिक मुकदमे दर्ज पाए गए हैं।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि प्रत्येक अधिवक्ता के विरुद्ध दर्ज आपराधिक मामलों का पूरा विवरण देते हुए पूरक हलफनामा दाखिल किया जाए। मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी 2026 को होगी।

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