
सुकमा जिले के किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन की ताजा रिपोर्ट नीचे दी गई है:
सुकमा किसान आंदोलन: नेशनल हाईवे 30 पर चक्का जाम
छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले (कुकानार क्षेत्र) में धान खरीदी की व्यवस्था को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है। 23 दिसंबर 2025 को बड़ी संख्या में किसानों ने राजनीतिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर नेशनल हाईवे-30 पर चक्का जाम कर दिया।
विरोध के मुख्य कारण और मांगें:
खरीदी का लक्ष्य बढ़ाना: किसानों की मुख्य मांग है कि धान खरीदी के दैनिक लक्ष्य को 600 क्विंटल से बढ़ाकर 1200 क्विंटल किया जाए। उनका कहना है कि कम सीमा की वजह से सैकड़ों किसान कतार में खड़े हैं और समय पर धान नहीं बेच पा रहे।
टोकन की समस्या: किसानों ने आरोप लगाया कि कई केंद्रों (जैसे कोंटा) में सैकड़ों किसानों के टोकन नहीं कट पा रहे हैं, जिससे उनमें भारी अनिश्चितता है।
अनियमितता के आरोप: प्रदर्शनकारियों ने एग्रिस्टेक (Agristack) पोर्टल और गिरदावरी (फसल सर्वेक्षण) में गड़बड़ियों का मुद्दा भी उठाया है।
प्रदर्शन का स्वरूप
तस्वीर और समाचार रिपोर्टों के अनुसार, किसानों ने अपना विरोध दर्ज कराने के लिए अनोखा तरीका अपनाया:
सड़क पर धान बिखेरा: हाईवे पर धान फैलाकर और उस पर मुख्यमंत्री का नाम लिखकर विरोध जताया।
नारेबाजी और पुतला दहन: सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई और पुतला जलाकर अपनी मांगों की ओर ध्यान आकर्षित किया।
यातायात बाधित: तोंगपाल से कोंटा तक हाईवे पर जगह-जगह जाम लगने से वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे आम जनता को भी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सरकार का पक्ष
राज्य सरकार का कहना है कि वे हर किसान का "एक-एक दाना" खरीदने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हाल ही में 'टोकन तुंहर हाथ' ऐप को 24 घंटे उपलब्ध कराया गया है ताकि किसान सुविधा अनुसार टोकन ले सकें। हालांकि, सुकमा जैसे दूरस्थ इलाकों में जमीनी स्तर पर अव्यवस्थाओं के कारण यह विरोध जारी है।