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जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति (DLCC), जिला स्तरीय समीक्षा समिति (DLRC) एवं आर. सेटी. (RSETI) की त्रैमासिक बैठक संपन्न

जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति (DLCC), जिला स्तरीय समीक्षा समिति (DLRC) एवं आर. सेटी. (RSETI) की त्रैमासिक बैठक संपन्न

सिवान,23दिसंबर 2025 मंगलवार।

आज दिनांक 23 दिसंबर 2025 को जिलास्तरीय परामर्शदात्री समिति (DLCC), जिला स्तरीय समीक्षा समिति (DLRC) एवं आर. सेटी. (RSETI) की त्रैमासिक बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में जिला प्रशासन, अग्रणी बैंक, विभिन्न बैंकों तथा संबंधित विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।

बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी सिवान श्री विवेक रंजन मैत्रेय ने की।

बैठक के प्रारंभ में अग्रणी जिला प्रबंधक द्वारा जिलाधिकारी महोदय का पुष्प का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया तथा RSETI निदेशक द्वारा RBI, पटना से आए प्रतिनिधि का पुष्प का पौधा भेंट कर स्वागत किया गया। तत्पश्चात जिलाधिकारी महोदय ने उपस्थित सभी बैंकों एवं विभागों के प्रतिनिधियों का स्वागत संबोधन करते हुए बैठक की कार्यवाही प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की।

अग्रणी जिला प्रबंधक द्वारा अवगत कराया गया कि बिहार राज्य के अंतर्गत सिवान जिले का क्रेडिट-डिपॉजिट अनुपात (CD Ratio) एवं वार्षिक ऋण योजना (ACP) में वित्तीय वर्ष 2025-26 के दौरान अपेक्षाकृत बहुत कम प्रगति हुई है।

इस पर अध्यक्ष महोदय द्वारा असंतोष एवं खेद व्यक्त किया गया तथा कमजोर प्रदर्शन करने वाले बैंकों को त्वरित रूप से प्रगति सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया।
बैठक में यह भी निर्देशित किया गया कि सभी बैंक एवं वित्तीय संस्थान आपसी समन्वय के साथ कार्य करें, जिससे जिले का CD Ratio बेहतर हो एवं आर्थिक गतिविधियों को गति मिले। विशेष रूप से कृषि, MSME, आवास ऋण, स्वयं सहायता समूह (SHG), स्टार्टअप्स एवं अन्य प्राथमिक क्षेत्रों में ऋण प्रवाह की समीक्षा की गई।

बैठक में निम्नलिखित निर्देश दिए गए:

1. MSME एवं कृषि क्षेत्र में पात्र लाभार्थियों को समयबद्ध रूप से ऋण उपलब्ध कराया जाए।

2. बैंकों द्वारा हाउसिंग लोन एवं स्वरोजगार योजनाओं को बढ़ावा दिया जाए।

3. सरकारी योजनाओं के अंतर्गत लंबित ऋण प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

4. स्टार्टअप्स, नए उद्यमियों एवं स्वरोजगार से संबंधित योजनाओं में वित्तीय समावेशन पर विशेष ध्यान दिया जाए।

5. ऋण वितरण में गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं नियामकीय मानकों का पूर्णतः पालन किया जाए।

जिले में वित्तीय ऋण की स्थिति को ध्यान में रखते हुए NBFC पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए गए। साथ ही बैंक CSP की समुचित निगरानी (Proper Monitoring) करने पर बल दिया गया, ताकि लूटपाट जैसी घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण लगाया जा सके।

नगर निकाय (Municipal Area) क्षेत्रों में गृह ऋण हेतु नक्शा पास कराने की प्रक्रिया को और अधिक सरल बनाए जाने पर जोर दिया गया। इसके लिए बिल्डरों के साथ एक दिवसीय बैठक आयोजित करने का सुझाव दिया गया।

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