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विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की सजा पर रोक, मिली सशर्त जमानत

ट्रायल कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती: बता दें कि 16 दिसंबर 2019 को तीस हजारी कोर्ट ने रेप पीड़िता के पिता की हिरासत में हत्या के मामले में कुलदीप सिंह सेंगर को दस साल की कैद की सजा सुनाई थी.

तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर पर दस लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था.

तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर समेत सभी सातों आरोपियों को भी दस-दस साल की कैद और दस-दस लाख के जुर्माने की सजा सुनाई थी.

रेप पीड़िता के पिता की हत्या का आरोप: रेप पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में 9 अप्रैल 2018 को मौत हो गई थी.

4 जून 2017 को रेप पीड़िता ने जब कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था, उसके बाद कुलदीप सिंह सेंगर के भाई अतुल सिंह और उसके साथियों ने पीड़िता के पिता को बुरी तरह पीटने के बाद पुलिस को सौंप दिया था.

रेप पीड़िता के पिता को जेल में शिफ्ट करने के कुछ ही घंटों बाद जिला अस्पताल में लड़की के पिता की मौत हो गई थी.

हत्या के मामले में सेंगर को दस साल की कैद की सजा: 20 दिसंबर 2019 को पीड़िता से रेप के मामले में तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी.

कोर्ट ने उम्रकैद के अलावा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.
जुर्माने की इस रकम में से 10 लाख रुपये पीड़िता को देने का आदेश दिया था.
तीस हजारी कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ भी कुलदीप सिंह सेंगर ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर किया है.

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