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आगरा न्यूज़ : आगरा जनपद के थाना किरावली पुलिस की बर्बरता, युवक के दोनों पैर को हड्डियां तोड़ दी, घायल युवक हॉस्पिटल मै भर्ती है.

आगरा। थाना किरावली से पुलिसिया ज्यादती का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है। हत्या के एक प्रकरण में संदेह के आधार पर हिरासत में लिए गए 35 वर्षीय युवक राजू के साथ थाने में कथित रूप से अमानवीय व्यवहार किया गया। आरोप है कि पूछताछ के नाम पर दो दिन तक मारपीट की गई, जिससे युवक के दोनों पैरों की हड्डियां टूट गईं।

हिरासत में पूछताछ के नाम पर क्रूरता

सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने राजू से जबरन कबूलनामा कराने की कोशिश की। इस दौरान उस पर लगातार दबाव बनाया गया और शारीरिक यातनाएं दी गईं। हालत बिगड़ने पर पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में उसे किरावली के एक अस्पताल में भर्ती कराया।

प्राथमिक जांच में गिरे कई अफसर

घटना की सूचना उच्चाधिकारियों तक पहुंचते ही त्वरित जांच कराई गई। प्रथम दृष्टया गंभीर लापरवाही और आरोपों को देखते हुए किरावली इंस्पेक्टर नीरज कुमार, एक सब-इंस्पेक्टर और एक बीट ऑफिसर को निलंबित कर दिया गया। वहीं अछनेरा के एसीपी राम प्रवेश गुप्ता का तबादला कर दिया गया है।

पीड़ित का आरोप: पैरों पर बरसे डंडे, उल्टा लटकाया

पीड़ित राजू ने परिजनों को बताया कि उससे हत्या स्वीकार कराने के लिए पैरों पर बेरहमी से डंडे मारे गए—इतनी मार पड़ी कि कई डंडे टूट गए। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसे उल्टा लटकाकर प्रताड़ित किया गया। बेहोशी की हालत में पहुंचने पर ही पुलिस उसे अस्पताल ले गई। फिलहाल दोनों पैरों में प्लास्टर है और उपचार जारी है।

किसान की मौत से जुड़ा है पूरा मामला

यह प्रकरण करहारा गांव में 6 जून को हुई 58 वर्षीय किसान वनवीर सिंह की संदिग्ध मौत से जुड़ा है। परिजनों के मुताबिक, 5 जून की रात फोन पर बात के बाद अगली सुबह किसान मृत मिले। घर का सामान बिखरा था और मोबाइल से सिम कार्ड गायब था। गले पर निशान मिलने से हत्या की आशंका जताई गई, जिसके बाद पुलिस ने शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।

पहले पूछताछ, फिर दोबारा हिरासत

परिजनों का कहना है कि राजू से पहले भी कई बार पूछताछ की जा चुकी थी। 20 दिसंबर को दोबारा बुलाने के बाद उसे थाने में रोके रखा गया। 21 दिसंबर की शाम परिवार को उसके अस्पताल में भर्ती होने की जानकारी मिली।

उच्चस्तरीय जांच के निर्देश

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने कड़ा रुख अपनाया है। पूरे प्रकरण की जांच DIG शैलेश पांडेय और एडिशनल कमिश्नर राम बदन सिंह को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे और सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। यह घटना एक बार फिर पुलिस हिरासत में मानवाधिकार उल्लंघन और थर्ड डिग्री के सवाल खड़े करती है।

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