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भूमि मामलों की धीमी रफ्तार पर डीएम नाराज, अभियान मोड में काम करने का आदेश

राजस्व कार्यों में हो रही देरी को लेकर जिला पदाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने सख्त रुख अपनाया है। मंगलवार को समाहरणालय स्थित मंत्रणा कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक में डीएम ने जमाबंदी, म्यूटेशन और भूमि सुधार से जुड़े मामलों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कई अंचलों में धीमी कार्यप्रणाली पर नाराजगी जताई और लंबित मामलों को 15 दिनों के भीतर निपटाने का निर्देश दिया।

बैठक के दौरान जिले के सभी अंचल अधिकारियों और अमीनों के कार्यों की बारीकी से समीक्षा की गई। डीएम ने स्पष्ट कहा कि भूमि से जुड़े मामलों में आम लोगों को लगातार परेशान किया जा रहा है, जो स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने चेतावनी दी कि तय समय-सीमा में प्रगति नहीं दिखी तो संबंधित पदाधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।

समीक्षा में सामने आया कि कई अंचलों में जमाबंदी, ऑनलाइन म्यूटेशन और भूमि सुधार से जुड़े मामले लंबे समय से लंबित हैं। इस पर डीएम ने सभी अंचलों में विशेष टीम गठित कर अभियान मोड में कार्य करने का निर्देश दिया, ताकि लंबित मामलों का त्वरित निष्पादन हो सके।

डीएम ने परिमार्जन प्लस, अभियान बसेरा-2 और महाअभियान जैसी योजनाओं को गंभीरता से लागू करने पर जोर दिया। साथ ही मौजा-वार भूमि अभिलेखों के अद्यतन, आधार सीडिंग, ऑनलाइन म्यूटेशन और अन्य ई-गवर्नेंस से जुड़े कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने का निर्देश दिया।

बैठक में यह भी कहा गया कि सभी अंचल अधिकारी नियमित रूप से कार्यों की प्रगति रिपोर्ट जिला प्रशासन को उपलब्ध कराएं और इसकी निरंतर मॉनिटरिंग की जाएगी। डीएम ने कहा कि समन्वय के साथ कार्य होने पर जिले की राज्य स्तरीय रैंकिंग में सुधार संभव है।

बैठक में अपर समाहर्ता नीरज कुमार, भूमि सुधार उपसमाहर्ता राहुल कुमार, जिला पंचायत राज पदाधिकारी पम्मी रानी सहित जिले के सभी अंचल अधिकारी, राजस्व अधिकारी, अमीन एवं अन्य संबंधित पदाधिकारी उपस्थित रहे।

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