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"गुरुद्वारा किला फ़तहि बाबा बंदा सिंघ बहादुर कपुरी कलां ब्लॉक बिलासपुर, जिला यमुनानगर -हरयाणा में, "उसारीअधीन", कार सेवा चल रही है"!

कपुरी :- -: संक्षेप इतिहास :-
" गुरुद्वारा किला फ़तहि बाबा बंदा सिंघ बहादुर जी कपुरी कलां ", ब्लॉक बिलासपुर, जिला यमुनानगर-हरयाणा (भारत) !
हिन्दोस्तान के पहिले स्वतंत्रता संग्राम की आरम्भता (जनवरी सन 1709) के बाद, थानेसर, शाहबाद, मुस्तफाबाद, और कुंजपुरा आदि पर भी बाबा बंदा सिंघ बहादुर जी नें अपने निशान साहिब झुला दिए, इसी समय इलाके के दुःखी लोगों नें बाबा जी से प्रार्थना की कि ,"कपुरी के शासक कदमुँदीन नें हमारा जीवन नर्कतुल्य बना रखा है, उस मनुष्य रूपी दांनव से हमें छुटकारा दिलवाइये"!
बाबा जी नें उसी समय तख्ता सिंघ दुल्ट, कुछ सिंघों को उन के साथ भेज दिया और कहा कि," किले पर चढाई का प्रबंध करें"!
कपुरी की फतहि :- मुस्तफाबाद- सधौरा रास्ते पर सधौरा से 4 कोस दक्षिण-पश्चिम गांव दलौड (आजकल ढ़लौर) में बाबा जी नें रात ठहराव किया, वहाँ के निवासिओं से इलाके की जानकारी हासिल की और युद्ध की रणनीति बनाई!
प्रातः ही सिंघ भूखे शेरों की तरह कपुरी, कदमुँदीन के किले पर टूट पड़े (कदमुँदीन का बाप अमानुल्ला, औरंगज़ेब के समय गुजरात का फोज़दार था, उसने अपने गांव कपुरी को स्वर्ग तुल्य बना रखा था!
कदमुँदीन के गुमाशते (सिपाही) गाँवों में सुन्दर सुशील लड़किओं की तलाश में घूमते रहते थे और नई दुल्हन को कई दिन अपनें किले में रख कर कलंकित किया करता था), अक्रमण के बाद सिंघों के साहमने कदमुँदीन की बुरछागर्द फोज़ कुछ देर भी टिक न सकी व उन्होंने अपने आप को किले में बंद कर लिया! सिंघों नें किले को ज़मीदोज़ (धराशाही) कर दिया और सभी को नीचे दबा दिया व लकड़ी के दरवाज़े -खिड़कयों को आग लगा दी! कपुरी फ़तहि करके बाबा बंदा सिंघ बहादुर जी सधौरा, लोहगढ, सरहिंद आदि को फतहि करने के लिए चले गए !
महाराजा रणजीत सिंघ जी की मृत्यु (सन 1839) के बाद गांव छोटी मख्खी (कलसिया) तहसील पट्टी, जिला अमृतसर - पंजाब से दो भाई बाबा सरदार कँवर सिंघ जी और बाबा सरदार वज़ीर सिंघ जी कपुरी किले में आ कर बस गए!
उपरोक्त दोनों भाइयों के खानदान अभी भी इस गांव में रहायश पज़ीर और चढदी कला में हैं जिसकी एक उदहारण है कि जिन परिवारों के पास किले की जगह थीं उन्हों नें "गुरु द्वारा किला फतहि बाबा बंदा सिंघ बहादुर जी कपुरी कलां", ब्लॉक बिलासपुर, जिला यमुनानगर -हरयाणा (भारत) को दें दी है जहां अब, कारसेवा वाले बाबा हरबंस सिंघ जी दिल्ली वालों के प्रतिनिधि बाबा बचन सिंघ जी, बाबा सुख्खा सिंघ जी व बाबा लाड़ी जी आलिशान गुरुघर बनवाने के लिए कारसेवा चला रहे हैं, आप से अनुरोध हैं कि यथा सम्भव जो भी हो सके रस्त-वस्त,माया,बिल्डिंग मेटेरियल आदि की सेवा, श्रद्धानुसार अवश्य करके गुरु जी कि खुशियां प्राप्त करें जी!
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ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन नंबर :-
सम्पर्क :- मो.917404482613

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