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कुछ भी नहीं रहता दुनिया में लोगों, रह जाती है.........

अररिया 21 दिसम्बर 2025। महज 25 साल से भी कम उम्र, पूरी जिंदगी सामने, लगभग सभी के दिलों में जगह, अनुशासित व्यवहार, हंसमुख छवि। जिन्हें अपनी जिंदगी में अभी बहुत कुछ देखना था, मां-बाप के सपने पूरे करने थे, अचानक उनका इस दुनिया से चला जाना न केवल मां-बाप और परिवार के लिए एक धक्का था बल्कि उनसे मिलने वाले परिचितों और संबंधियों के लिए भी एक बड़ा धक्का और सदमा था। अररिया जिला के नरपतगंज प्रखंड के सोनापुर पंचायत वार्ड नंबर 4 पथरदेवा गांव के वीरेंद्र यादव के पुत्र ज्योतिष कुमार जिनकी उम्र अभी 25 वर्ष भी पूरे नहीं हुए थे । 18 दिसंबर 2025 की रात लगभग 10:00 बजे अपने काम से लौटते वक्त वीरपुर मोड बथनाहा में दुर्घटना का शिकार हो गया जिसके कारण वह इस दुनिया को छोड़कर चला गया। वो न केवल इस दुनिया को छोड़कर चला गया बल्कि अपने पीछे अपने मां-बाप, बहन, परिवार, रिश्तेदार और मिलने वाले अनेकों लोगों को सदमे के दलदल में छोड़कर चला गया। वो न केवल अपने मां-बाप का एकलौता पुत्र था बल्कि अपने नाना-नानी का भी अकेला नाती था। इस वर्ष उनके हाथ पीले करने की योजना थी लेकिन ये शायद ईश्वर को स्वीकार नहीं था, इसलिए योजना मात्र योजना ही बन कर रह गई। मैं भी उनसे कई बार मिला था, मुझे भी यकीन नहीं होता कि ज्योतिष अब इस दुनिया में नहीं रहा। लगता है जैसे वह सामने है, हमसे बातें कर रहा है, वही हंसमुख चेहरा, वही जिंदा दिल अंदाज, वही अनुशासित व्यवहार । लेकिन जब हकीकत का एहसास होता है तो एक झटका सा लगता है और मन में इच्छा होती है कि ये समय की धारा पलट जाए। ज्योतिष के साथ होने वाली उस घटना से ज्योतिष को बचा लें और वह सच में हमारे सामने हमसे बातें करें। कितना अच्छा होता कि हम समय की धारा को पलट पाते लेकिन समय की धारा को कोई पलट नहीं सकता ।यह निरंतर चलता रहता है और अपनी धाराओं में सबको समेटे हुए अपने निरंतर गति के साथ चलता रहता है, हमारे साथ बस यादें रह जाती हैं। ईश्वरीय कृपा के कारण हम केवल उनके परिवारों और संबंधियों के संवेदनाओं को महसूस कर सकते हैं, सच को स्वीकारते हुए ज्योतिष को अपने श्री चरणों में स्थान देने के लिए ईश्वर से प्रार्थना कर सकते हैं अन्यथा हमारे दिल में भी उतनी ही टीस है जितना कि उनके दिलों में।

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