लिंग अनुपात बढ़ाने के लिए जागरुकता अभियान एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट में सख्त कार्यवाही करें -कलेक्टर
लिंग अनुपात बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान एवं पीसीपीएनडीटी एक्ट में सख़्त कार्रवाई करें – कलेक्टर
उप-स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सुदृढ़ करें
अस्पतालों में डॉक्टर, दवाइयां एवं जांच सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित हो
मेटरनिटी वार्ड में अवैध वसूली न हो, दोषियों के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई करें
जिला स्वास्थ्य विभाग की बैठक संपन्न
कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़ ने जिले के समस्त स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी उप-स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं सिविल अस्पताल नियमित समय पर खोले जाएं, ओपीडी में डॉक्टरों की नियत समय पर उपस्थिति सुनिश्चित हो तथा दवाइयां निर्धारित चार्ट के अनुसार उपलब्ध रहें।
उन्होंने कहा कि यदि किसी डॉक्टर की ड्यूटी अन्य स्थान, शिविर, अभियान या प्रशासनिक कार्य में लगाई गई है, तो उनकी उपस्थिति (अटेंडेंस) उसी ड्यूटी स्थल पर भी विधिवत काउंट की जाए, जिससे उपस्थिति संबंधी भ्रम की स्थिति उत्पन्न न हो।
ये निर्देश कलेक्टर ने शनिवार को कलेक्ट्रेट सभागार, मुरैना में आयोजित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की समीक्षा बैठक के दौरान दिए।
बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री कमलेश कुमार भार्गव, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पदमेश उपाध्याय, जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री ओ.पी. पांडे, सिविल सर्जन डॉ. गजेन्द्र सिंह तोमर, समस्त बीएमओ, सीडीपीओ एवं स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के मैदानी कर्मचारी उपस्थित रहे।
कलेक्टर श्री जांगिड़ ने कहा कि जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाइयों की सूची स्पष्ट रूप से चस्पा की जाए तथा सूची अनुसार दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जो दवाइयां उपलब्ध नहीं हैं, उनके लिए पोर्टल पर तत्काल अपडेट कर मांग भेजी जाए। इसी प्रकार एक्स-रे सहित अन्य जांचों के लिए आवश्यक सामग्री समाप्त होने की स्थिति में तत्काल डिमांड भेजी जाए, ताकि सामग्री के अभाव में जांच कार्य बाधित न हो।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि उनके निरीक्षण में यदि किसी स्वास्थ्य केंद्र पर डॉक्टर, दवाइयां अथवा जांच सुविधाएं पूर्ण रूप से उपलब्ध नहीं पाई गईं, तो संबंधित स्वास्थ्य अधिकारी के विरुद्ध सख़्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने एंटीनेटल केयर (ANC) पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं का नियत प्रोटोकॉल के अनुसार एएनसी अनिवार्य रूप से किया जाए।
हाई-रिस्क गर्भवती महिलाओं की समय पर जांच,जैसे- ब्लडप्रेशर, शुगर,हीमोग्लोबिन,अन्य आवश्यक परीक्षण करने के उपरांत सभी जांच विवरण पोर्टल पर अपलोड किए जाएं। आंकड़ों में किसी भी प्रकार की भिन्नता नहीं होनी चाहिए, यह संबंधित अधिकारी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक स्तर पर जांच पूरी होने से हायर सेंटर पर उपचार में सुविधा मिलती है।
कलेक्टर ने कहा कि यदि हम सभी अपने दायित्वों के प्रति सजग रहें, तो मुरैना जिला बेहतर परिणाम दे सकता है। उन्होंने निर्देश दिए कि अगली बैठक तक सभी बिंदुओं पर ठोस कार्य किया जाए, जिससे मुरैना जिला प्रदेश के टॉप-5 जिलों में स्थान बना सके।
उन्होंने बताया कि जिन स्वास्थ्य भवनों का निर्माण पूर्ण हो चुका है, उनका शीघ्र लोकार्पण कराया जाए, जिसमें पोरसा एवं सुमावली में 50-50 बिस्तर के अस्पताल पूर्ण रूप से तैयार हैं। जहां स्टाफ की आवश्यकता है, वहां के लिए कलेक्टर के माध्यम से शासन को डीओ लेटर भेजा जाए, ताकि बिस्तर क्षमता बढ़ने के अनुरूप मानव संसाधन की पूर्ति हो सके।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सार्थक ऐप पर डॉक्टरों एवं स्टाफ की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए तथा इसकी मासिक रिपोर्ट तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों की नियमित उपस्थिति से ही मरीजों का विश्वास बढ़ेगा। यदि डॉक्टर किसी अभियान या शिविर में लगाए गए हैं, तो उसकी स्पष्ट जानकारी संबंधित केंद्र पर उपलब्ध होनी चाहिए।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य परिसरों में अतिक्रमण न होने पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि लभनपुरा एवं दिमनी पीएससी में भैंसें बंधी पाई गई थीं। ऐसे मामलों में तहसीलदार एवं एसडीएम को लिखित में पत्र भेजकर जिला कार्यालय को भी सूचित किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि निरीक्षण के दौरान यह पाया गया कि कुछ मामलों में डॉक्टरों द्वारा पर्चे पर दवाइयां लिखी गईं, किंतु बीपी, शुगर जैसी आवश्यक जांचों का उल्लेख नहीं किया गया। आवश्यकता पड़ने पर मरीज को हायर सेंटर रेफर किया जाता है, इसलिए प्रारंभिक उपचार पूर्ण रूप से दर्ज किया जाना आवश्यक है। इसके लिए बीएमओ को सब-सेंटरों पर विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने जिला चिकित्सालय के मेटरनिटी वार्ड में अवैध वसूली की शिकायतों पर सख़्त रुख अपनाते हुए निर्देश दिए कि सिविल सर्जन स्वयं एवं अचानक अटेंडरों से जानकारी प्राप्त करें। यदि कोई व्यक्ति अवैध वसूली में संलिप्त पाया जाए, तो उसके विरुद्ध तत्काल कार्रवाई करें तथा आउटसोर्स कर्मचारियों को सेवा से पृथक किया जाए।
उन्होंने अस्पतालों में साफ-सफाई, मच्छर जाली, खिड़कियों की चटकनी एवं स्वच्छ वातावरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान जहां कमियां पाई गई हैं, वहां तत्काल सुधार कार्य कराया जाए।
कलेक्टर ने कहा कि जिले का लिंगानुपात घटा है, जिस पर गंभीरता से कार्य करने की आवश्यकता है। पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत सख़्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही लाड़ली लक्ष्मी योजना सहित महिलाओं एवं बालिकाओं से जुड़ी योजनाओं का सोशल मीडिया, फ्लेक्स एवं बैनर के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए, जिससे लिंगानुपात में सुधार हो सके।
उन्होंने बताया कि जिले में 102 स्थानों पर होम डिलीवरी दर्ज की गई है, जिसे शून्य पर लाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाए तथा पोर्टल पर सही एवं अद्यतन डेटा अंकित किया जाए। वैक्सीनेशन कार्य समय पर हो और उसकी मासिक समीक्षा अनिवार्य रूप से की जाए।
आयुष्मान भारत निरामय योजना की समीक्षा
कलेक्टर ने बताया कि मुरैना जिले में 10 लाख 18 हजार 478 आयुष्मान कार्ड बनाए जाने का लक्ष्य निर्धारित है, जिनमें से 8 लाख 91 हजार 398 कार्ड बनाए जा चुके हैं। वर्तमान प्रगति 87.52 प्रतिशत है। अभी 1 लाख 27 हजार 80 आयुष्मान कार्ड बनाए जाना शेष हैं।
इसी प्रकार 70 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में 87 हजार 587 कार्ड का लक्ष्य है, जिसके विरुद्ध 22 हजार 856 कार्ड बनाए गए हैं, जो 26.10 प्रतिशत है। प्रदेश स्तर पर मुरैना जिले की रैंक 42वीं है।
उन्होंने निर्देश दिए कि इस कार्य में आशा, सीएचओ, पंचायत सचिव एवं जीआरएस का सहयोग लेकर इसे सर्वोच्च प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए।
कलेक्टर ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग की समस्त विभागीय योजनाओं की बिंदुवार एवं विस्तार से समीक्षा की।
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