
मोहम्मदगंज प्रखंड का पहला उच्च विद्यालय का अस्तित्व संकट में।लोगो ने सरकार से विद्यालय को शिक्षा विभाग में अधिग्रहित करने का किया है मांग।
मोहम्मदगंज।पलामू।झारखंड
मोहम्मदगंज प्रखंड क्षेत्र का पहला उच्च विद्यालय उतर कोयल सिचाई परियोजना परिसर स्थित उतर कोयल परियोजना उच्च विद्यालय बन्दी के कगार पर है।विद्यालय का अस्तित्व संकट में है।विद्यालय वर्तमान में एक पदस्थापित शिक्षक और निजी श्रम सेवा पर आधारित शिक्षकों के भरोसे है।विद्यालय में वर्तमान में कार्यरत एक शिक्षक चंद्रशेखर मेहता जो विद्यालय के प्रधानाध्यापक के प्रभार में है, उन्होंने बताया कि वे वर्ष 2027 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे।जिसके बाद विद्यालय बंद होने के कगार पर हो जाएगा।श्री मेहता ने बताया कि विद्यालय मोहम्मदगंज में भीम बराज और सिंचाई नहर सहित कार्यो के निर्माण के समय सिचाई कर्मियों के बच्चों के पढ़ाई के लिए वर्ष 1985में खोला गया था,वर्ष 1986में उपशिक्षा निदेशक बिहार सरकार के द्वारा विद्यालय को स्थापना अनुमति मिला और विद्यालय का संचालन जल संसाधन विभाग बिहार सरकार के द्वारा किया गया।पर सिचाई परियोजना के बंद होने के बाद से विद्यालय के अस्तित्व का संकट गहराने लगा। एकीकृत बिहार में इंद्रपुरी, तेनुघाट, बीरपुर,कोसी,बाल्मीकिनगर के साथ ही उतर कोयल परियोजना विद्यालय का स्थापना किया गया था।बिहार राज्य क्षेत्र से सम्बंधित विद्यालय को शिक्षा विभाग के द्वारा अधिग्रहित कर लिया गया।पर झारखंड अलग राज्य गठन के बाद से विद्यालय का अस्तित्व संकट में है।सम्प्रति बिहार से झारखंड राज्य अलग गठन होने के बाद वर्ष 2008 में राज्य के तत्कालीन जल संसाधन मंत्री कमलेश कुमार सिंह के पहल से झारखंड सरकार के नियंत्राधिण विद्यालय संचालित होने लगा।विद्यालय के द्वारा वर्ष 2011 से विद्यालय के शिक्षा विभाग मेंअधिग्रहण के लिए लगातार पत्राचार किया जाता रहा है।पठन पाठन और मैट्रिक रिजल्ट के मामले में विद्यालय का अतीत स्वर्णिम रहा है।तब विद्यालय में 9 शिक्षक ,2 चतुर्थवर्गीय कर्मी और एक रात्रि प्रहरी कार्यरत थे।वर्ग 7 से 10 तक की पढ़ाई होती थी और विद्यालय में प्रवेश पाने के लिए छात्र छात्राओं को प्रवेश परीक्षा पास करना पड़ता था,तब 12 किमी के दायरे में कोई दूसरा उच्च विद्यालय नही था।पलामू जिला के मोहम्मदगंज प्रखंड के अलावा उंटारी रोड, पांडू, गढ़वा जिला के मझिआंव,कांडी प्रखंड क्षेत्र के कई गांव के छात्र छात्रा पढ़ते थे।विद्यालय सिचाई विभाग परिसर में प्राकृतिक सौंदर्य और शांत वातावरण के बीच स्थित है।विद्यालय का अपना चहारदिवारी युक्त भवन ,खेल का मैदान ,शौचालय, पेयजल सुविधा सहित सभी आधारभूत संरचना उपलब्ध है।विद्यालय बंद हो जाने पर अनाधिकृत कब्जा, विद्यालय के संसाधनों की चोरी और बर्बादी की सम्भावना बढ़ जाएगी।प्रखंड क्षेत्र के लोगो ने विद्यालय को शिक्षा विभाग में अधिग्रहित कर विद्यालय का संचालन करने की मांग किया है।