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... और धड़ल्ले से होता है गौवंशी पशुओं का वध
बाराबंकी। जिले में गौवंशीय पशुओं का वध बड़े पैमाने पर हो रहा है। जबकि इसके विपरित सरकार की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन ने जिले में 38 गौ संरक्षण गृह बना रखे हैं फिर भी बड़े पैमाने पर गौवंशीय पशु आवारा घूम रहे हैं। यही आवारा पशु वध करने वालों के हत्थे चढ़ रहे हैं। इसी क्रम में सोमवार को सफदरगंज थाना क्षेत्र में दो गोवध करने वाले पुलिस की गिरफ्त में आए।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गायों के संरक्षण के लिए बेहतर व्यवस्था करने का आदेश तो दे रखा है और इसी आदेश के क्रम में जिले में 38 गौ संरक्षण गृह संचालित हैं। जिसमें से एक नगरपालिका परिक्षेत्र में तथा 37 ग्रामीण अंचलों में संचालित हैं। इनमें संरक्षित गायों के खाने पीने की पूरी व्यवस्था की गई है। फिर भी यहां की व्यवस्था देखने वालों की लापरवाही से गोवंशीय पशु आवारा सड़कों पर घूम रहे हैं। इसके चलते जहां लोग इनकी चपेट में आकर चोटिल हो जाते हैं। वहीं इन गोवंशीय पशुओं के जीवन पर भी संकट के बादल मंडराया करते हैं।
गायों के भोजन के लिए जिले में 38 चारा घर बनाए गए हैं। जिले के अधिकारियों की माने तो गौ संरक्षण गृहों पर हाल ही में भूसा खरीदवा कर रखा गया है। ताकि इन गोवंशीय पशुओं को खाने व पीने में किसी भी तरह की परेशानी न हो। लेकिन ज़मीनी स्तर पर हकीकत इससे बिल्कुल इतर ही नजर आती है। न चारे की समुचित व्यवस्था और न ही पीने का पानी; गो संरक्षण गृह के संचालकों की शिथिल कार्यशैली और कागजों पर चाक-चौबंद व्यवस्था इन गोवंशीय पशुओं के जीवन पर संकट पैदा कर रहे हैं, और यही कुव्यवस्थाएं शारीरिक रूप से क्षीण हो चुके गौवंशीय पशुओं के जीवन पर मौत के बादल बनकर मंडरा रही हैं।