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सरकार कर रही है देश के मजदूरों के साथ अन्याय

करनाल, 18 दिसंबर, 2025.
आज केकेसी करनाल जिला श्रम विभाग कार्यालय के सामने केकेसी जिला करनाल प्रभारी श्री जगमाल सिंह प्रदेश वाईस चेयरमैन, जिला सह प्रभारी करनाल श्री इकबाल सिंह की मौजूदगी में केकेसी जिलाध्यक्ष करनाल ग्रामीण श्री बलदेव सिंह के नेतृत्व में श्रम विभाग कार्यालय करनाल के सामने 4 श्रम काले कानून के विरोध में प्रतियां जलाई गई और Assistant Labour Commissioner को ज्ञापन सौंपा।लागू श्रम संहिताएं (Labour Codes) के विरोध में प्रदर्शन भी किया केकेसी प्रदेश वाईस चेयरमैन श्री राव सुनेहर सिंह,आदि दर्जनो पदाधिकारी और सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।
केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा लाए गए चारों श्रम संहिताएं (Labour Codes) — औद्योगिक संबंध संहिता (Industrial Relations Code), ओएसएच कोड (Occupational Safety, Health Code Code), सामाजिक सुरक्षा संहिता (Social Security Code) और वेतन संहिता (Code on Wages)— ज़मीन पर पूरी तरह विफल, मज़दूर-विरोधी और केवल कॉरपोरेट-हितैषी साबित हुए हैं। इन संहिताओं ने दशकों के संघर्ष से प्राप्त मज़दूरों के अधिकारों को छीन लिया है, नौकरी की सुरक्षा खत्म कर दी है और 90% से अधिक कार्यबल (असंगठित क्षेत्र) को भ्रम की स्थिति में धकेल दिया है।
•मनमानी छंटनी की छूट: अब 300 कर्मचारियों तक वाली कंपनियों को कर्मचारियों को नौकरी से निकालने (Retrenchment/Layoff) के लिए सरकार की अनुमति लेने की ज़रूरत नहीं है। पहले यह सीमा 100 कर्मचारियों की थी। इससे पिछले 30 वर्षों में नौकरी की सुरक्षा सबसे निचले स्तर पर आ गई है।
•यूनियनों पर शिकंजा: ट्रेड यूनियन बनाने और मान्यता प्राप्त करने के नियमों को इतना सख्त कर दिया गया है कि मज़दूरों की सामूहिक सौदेबाजी (Collective Bargaining) की ताकत खत्म हो गई है।
•हड़ताल (Strike) करना असंभव: किसी भी हड़ताल से पहले 60 दिन का नोटिस देना अनिवार्य कर दिया गया है। जब तक मामला सुलह (Conciliation) में है, हड़ताल को अवैध माना जाएगा। यानी, विरोध का अधिकार छीन लिया गया है। नौकरियों को खत्म कर 'फिक्स्ड टर्म' (निश्चित अवधि) की नौकरियों को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे भविष्य की सुरक्षा खत्म हो जाएगी।


पत्रकार महेन्द्र सिंह श्योराण

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