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झुंड से बिछड़ा दंतैल बन रहा है मौत क कारण: 48 घंटे में तीन जिंदगियां खत्म

कोरबा :- जिले में मानव,हाथी संघर्ष ने एक बार फिर तीन घरों की खुशियां छीन लीं। झुंड से बिछड़े एक दंतैल हाथी ने बीते 48 घंटों के भीतर अलग-अलग इलाकों में तीन लोगों की जान ले ली। ताज़ा घटना 19 दिसंबर की तड़के करीब 5 बजे ग्राम गौरबोरा (बालको क्षेत्र) की है, जहां घर के आंगन में सो रहे महेन्द्र सिंह मंझवार पर हाथी ने अचानक हमला कर दिया। परिवार के लोग कुछ समझ पाते उससे पहले ही उनकी मौके पर मौत हो गई।
इससे एक दिन पहले इसी दंतैल हाथी के हमले में कटघोरा रेंज में दो महिलाओं की जान चली गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि वही हाथी अब गांव-गांव भटक रहा है, जिससे पूरे इलाके में दहशत का माहौल है,

वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार हाथी झुंड में रहते हैं,एक परिवार की तरह। झुंड में रहते हुए हाथी आमतौर पर इंसानों से दूरी बनाए रखते हैं, लेकिन जब वे अपने परिवार से बिछड़ जाते हैं तो भय तनाव और असुरक्षा उन्हें आक्रामक बना देती है। माना जा रहा है कि यही वजह है कि यह दंतैल हाथी आबादी वाले इलाकों में घुसकर जानलेवा साबित हो रहा है।

ग्रामीणों का आरोप है कि हाथी की गतिविधियों की जानकारी पहले ही वन विभाग को दी गई थी, इसके बावजूद न तो रात की गश्त बढ़ाई गई और न ही गांवों में कोई ठोस चेतावनी व्यवस्था की गई। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते सतर्कता बरती जाती, तो शायद तीन परिवार उजड़ने से बच जाते।

लगातार हो रही मौतों से ग्रामीणों में भय और गहरा दुख है। रात होते ही लोग अपने ही घरों में सहमे रहते हैं। घटना के बाद वन विभाग ने सावधानी बरतने और संवेदनशील इलाकों में गश्ती दल तैनात करने की बात कही है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि केवल अपील से डर खत्म नहीं होता।

इन घटनाओं ने जिले में मानव–हाथी संघर्ष और टूटते जंगलों की सच्चाई को सामने ला दिया है। ग्रामीण प्रशासन और वन विभाग से मांग कर रहे हैं कि जल्द ठोस कदम उठाए जाएं, ताकि किसी और घर में मातम न पसरे और कोई और परिवार अपनों से बिछड़ने को मजबूर न हो।

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