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डिंडोरी जिले में आ रहा बाहर से जहर जिससे आम आदमी के स्वास्थ्य में पढ़ सकता है असर सकता है असर

** अभी हाल ही में बाहर से आई हुई मछली (विशेषकर समुद्री या दूसरे राज्यों से सप्लाई होने वाली मछली) को लेकर कई राज्यों में चिंताजनक खबरें आई हैं। मुख्य मुद्दा मछली को लंबे समय तक ताजा दिखाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले खतरनाक रसायनों का है।
​यहाँ इस विषय से जुड़ी मुख्य जानकारी दी गई है:
​1. फॉर्मेलिन (Formalin) का बढ़ता इस्तेमाल
​सबसे बड़ी खबर मछली में फॉर्मेलिन की मिलावट को लेकर है।
​क्या है यह: यह एक ऐसा केमिकल है जिसका इस्तेमाल शवों को सड़ने से बचाने के लिए किया जाता है।
​क्यों मिलाते हैं: व्यापारी इसे मछली पर छिड़कते हैं ताकि मछली कई दिनों तक "ताजा" दिखे और उसमें से बदबू न आए।
​खतरा: फॉर्मेलिन एक कैंसरकारी (Carcinogenic) पदार्थ है। इसके सेवन से पेट दर्द, किडनी की समस्या और लंबे समय में कैंसर हो सकता है।
​2. किन राज्यों में ज्यादा असर देखा गया?
​हाल की रिपोर्ट्स के अनुसार, बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और पूर्वोत्तर राज्यों में आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल से आने वाली मछलियों के नमूनों में फॉर्मेलिन पाया गया है। कई शहरों में नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग ने छापेमारी कर भारी मात्रा में मछली को नष्ट भी किया है। इसी तरह डिंडोरी के खाद्य विभाग अधिकारियों को ध्यान देना चाहिए जिससे आने वाले खतरे को कम किया जा सके. सावधानी के टिप्स:
​जहाँ तक संभव हो, स्थानीय तालाब की ताजी मछली ही खरीदें।
​अगर आप बाहर से आई हुई बर्फ वाली मछली खरीद रहे हैं, तो उसे घर लाकर गुनगुने नमक के पानी में अच्छी तरह धोएं।
​बहुत ज्यादा चमकदार या बिना मक्खी वाली मछली से सावधान रहें (फॉर्मेलिन की वजह से मक्खियाँ मछली पर नहीं बैठतीं)।

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