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एक्सटेंशन वर्क में लापरवाही बर्दाश्त नहीं योजनाओं को ग्राउंड लेवल तक पहुंचाने के निर्देश: कलेक्टर मुरैना मध्यप्रदेश

एक्सटेंशन वर्क में लापरवाही बर्दाश्त नहीं: योजनाओं को ग्राउंड लेवल तक पहुंचाने के निर्देश

दिसंबर अंत तक लक्ष्य पूरे करने के निर्देश, लापरवाह कर्मचारियों पर होगी कार्रवाई

सक्सेस स्टोरी और नुक्कड़ सभाओं से जागरूकता बढ़ाने पर जोर

कलेक्टर की अध्यक्षता में उद्यानिकी, पशुपालन, सहकारिता एवं मत्स्य विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक संपन्न

पीएमएफएमई योजना सहित अन्य योजनाओं के दिसंबर माह के अंत तक निर्धारित लक्ष्यों को अनिवार्य रूप से पूर्ण किया जाए। उन्होंने कहा कि समीक्षा बैठकों में अधिकारी पूरी तरह अपडेटेड जानकारी एवं खंडवार (ब्लॉकवार) डिटेल के साथ ही उपस्थित हों, केवल सतही जानकारी लेकर बैठक में आना स्वीकार्य नहीं होगा। यह निर्देश कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़ ने उद्यानिकी, पशुपालन, सहकारिता एवं मत्स्य विभाग की संयुक्त समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए।
बैठक में उप संचालक पशुपालन डॉ. बी.के. शर्मा, उपायुक्त सहकारिता श्रीमती अनुभा सूद, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री अशोक कौशिक, प्रभारी सहायक संचालक मत्स्य श्री कमल नार्वे सहित खण्ड स्तर के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने उद्यानिकी विभाग की समीक्षा में पीएमएफएमई (प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना) की समीक्षा करते हुए बताया कि जिले में इस योजना के अंतर्गत 153 लक्ष्यों के विरुद्ध 146 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 103 आवेदन लंबित हैं तथा 29 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि दिसंबर एंड तक लक्ष्यों की शत-प्रतिशत पूर्ति सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं की पूरी, अपडेटेड एवं खंडवार जानकारी डिटेल फॉर्म में प्रस्तुत की जाए। एक्सटेंशन वर्क में लगे कर्मचारियों द्वारा यदि कार्य में लापरवाही बरती जाती है तो “नो वर्क, नो पे” के आधार पर वेतन कटौती की कार्रवाई की जाए।
कलेक्टर ने कहा कि आजीविका मूलक योजनाओं को केवल कागजों तक सीमित न रखते हुए ग्राउंड लेवल पर उतारा जाए, ताकि वास्तविक लाभ हितग्राहियों तक पहुंचे। उन्होंने स्पष्ट किया कि योजनाओं का उद्देश्य केवल दिखावटी कार्य नहीं, बल्कि किसानों की आय में वास्तविक वृद्धि करना है।
उन्होंने एक्सटेंशन एजुकेशन पर जोर देते हुए कहा कि कर्मचारियों द्वारा शिक्षा एवं जागरूकता के माध्यम से योजनाओं का प्रचार-प्रसार किया जाए। पैक्स संस्थाओं को लेकर उन्होंने निर्देश दिए कि वे केवल खाद एवं बीज तक सीमित न रहें, बल्कि दुग्ध उत्पादन एवं अन्य मार्केटेबल उत्पादों के क्षेत्र में भी अपने कार्यों का विस्तार करें।
कलेक्टर ने कहा कि नॉन-फार्म सेक्टर को मजबूत कर किसानों की आय को बढ़ाया जा सकता है, यही सरकार का मुख्य लक्ष्य है। इसके लिए फूल उत्पादन, पॉलीहाउस, शेडनेट जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने कहा कि योजनाओं से लाभान्वित किसानों की सक्सेस स्टोरी को माध्यम बनाकर अन्य किसानों को जागरूक किया जाए, ताकि वे भी इन योजनाओं का लाभ ले सकें। सभी योजनाओं को आपस में समन्वित कर लागू करने से लगभग 70 प्रतिशत किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव संभव है।
कॉमन इंफ्रास्ट्रक्चर स्कीम को बढ़ावा देने, किसानों से व्यक्तिगत संवाद करने तथा केस स्टडीज के माध्यम से ड्राइव बढ़ाने के निर्देश भी दिए गए। साथ ही ब्लॉक लेवल पर निरंतर समीक्षा, क्लस्टर निर्माण तथा पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत क्लस्टर विकसित करने पर कलेक्टर ने विशेष जोर दिया गया।
उन्होंने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना की समीक्षा के अंतर्गत पोर्टेबल स्प्रिंकलर, ड्रिप इरीगेशन, मिनी माइक्रो स्प्रिंकलर आदि के उपयोग को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आरएचईओ एवं संबंधित अधिकारी गांव-गांव जाकर किसानों को इन तकनीकों के लाभ समझाएं, जिससे जल संरक्षण के साथ उत्पादन भी बढ़े।
उन्होंने ब्लॉकवार स्प्रिंकलर वितरण लक्ष्य की समीक्षा करते हुए कम प्रगति पर नाराजगी व्यक्त की तथा नुक्कड़ सभाओं के माध्यम से जागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए। एक्सटेंशन गतिविधियों की फोटो एवं रिपोर्ट प्रतिदिन प्राप्त करने तथा समय पर रिपोर्ट न देने पर वेतन कटौती के निर्देश भी दिए।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन की समीक्षा में अपेक्षित प्रगति न मिलने पर कलेक्टर ने नाराजगी व्यक्त की और शीघ्र सुधार के निर्देश दिए।

पशुपालन विभाग की समीक्षा

पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान दुग्ध समृद्धि संपर्क अभियान, क्षीरधारा ग्राम योजना, नेशनल लाइवस्टॉक मिशन, केसीसी, नेशनल आर्टिफिशियल इंसेमिनेशन प्रोग्राम (चौथा चरण) एवं स्वावलंबी गोशालाओं की स्थापना की प्रगति की जानकारी ली गई।
कलेक्टर ने बताया कि क्षीरधारा ग्राम योजना के अंतर्गत एक वर्ष में 196 गायों का बधियाकरण, टीकाकरण, नस्ल सुधार एवं उपचार किया जाना है, इस कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए। डॉ. अंबेडकर कामधेनु योजना की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि स्वावलंबी गोशालाओं के संचालन में पंचायतों के साथ समन्वय कर कार्य किया जाए। सभी गोशालाओं की स्थिति स्पष्ट करने हेतु समरी चार्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए गए।
उन्होंने सहकारिता विभाग की समीक्षा में रबी-खरीफ फसल ऋण वितरण एवं वसूली की स्थिति पर चर्चा की गई। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि री-शेड्यूलिंग के बाद वसूली में हुई वृद्धि को प्लानिंग के साथ प्रस्तुत किया जाए। इसके साथ ही रासायनिक रबी खाद भंडारण, पैक्स कम्प्यूटरीकरण योजना, जन औषधि केंद्रों को सक्रिय करने तथा नैनो यूरिया को प्रमोट करने के निर्देश सहकारी संस्थाओं को दिए गए।
मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने पीएम मत्स्य संपदा योजना के अंतर्गत तालाबों, जलाशयों एवं सिंचाई संरचनाओं की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) प्रकरणों में वृद्धि करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि मत्स्य विभाग में केसीसी के अधिक से अधिक प्रकरण स्वीकृत कराकर मछुआरों एवं हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाए।
कलेक्टर ने सभी विभागों को निर्देश दिए कि जनवरी माह तक लक्ष्यों की पूर्ति सुनिश्चित कर बेहतर प्रदर्शन किया जाए, जिसकी पुनः समीक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी जगहों से योजनाओं का लाभ प्रारंभ कर पूरे मुरैना जिले में बड़े स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है।
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