
साॅइल हेल्थ कार्ड में दी गई रिकमेंडेशन के आधार पर किसानों को फील्ड पर जाकर विस्तार से समझाइश दें: कलेक्टर मुरैना मध्यप्रदेश
सॉइल हेल्थ कार्ड में दी गई रिकमेंडेशन के आधार पर किसानों को फील्ड पर जाकर विस्तार से समझाइश दें
हैप्पी सीडर-सुपरसीडर, जे-फार्म रजिस्ट्रेशन और आत्मा योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाए
हैप्पीसीडर, सुपरसीडर एवं जे-फार्म रजिस्ट्रेशन में अपेक्षित प्रगति लाए। किसानों की आय बढ़ाना ही सभी योजनाओं का मूल उद्देश्य है, इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर विभागीय अधिकारी अपनी जिम्मेदारी समझें और योजनाओं को धरातल पर उतारें। यह निर्देश कलेक्टर श्री लोकेश कुमार जांगिड़ ने कृषि विभाग की बैठक में अधिकारियों को दिए। बैठक में उप संचालक कृषि श्री अनंत सड़ैया, सहायक संचालक श्री रामेन्द्र कुमार सिंह, समस्त ब्लॉकों के एसएडीओ, आत्मा के ब्लॉक टेक्नीकल मैनेजर, एग्रीकल्चर इंजीनियर, कृषि विज्ञान केन्द्र के डॉ. यादव सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
कलेक्टर ने कहा कि उन्नत कृषि को बढ़ावा देने के लिए आयोजित टूर प्रोग्राम एवं प्रशिक्षण गतिविधियों में वास्तविक ग्राउंड लेवल एजुकेशन सुनिश्चित की जाए। किसानों को प्रशिक्षण हेतु बेहतर एवं मान्यता प्राप्त संस्थानों में भेजा जाए तथा प्रशिक्षण से लौटने के बाद उनसे यह भी जाना जाए कि उन्होंने क्या सीखा और खेतों में कौन-से बदलाव अपनाए। उन्होंने कहा कि योजनाओं का एक्सटेंसिव एवं प्रभावी क्रियान्वयन किया जाना आवश्यक है।
उन्होंने आरईओ से संबंधित कार्यों की डेली मॉनिटरिंग एवं नियमित रिपोर्टिंग के निर्देश कृषि विभाग को दिए। साथ ही खाद्य स्टॉक, बीज व्यवस्था एवं सॉइल हेल्थ कार्ड की समीक्षा करते हुए कहा कि सॉइल हेल्थ कार्ड में दी गई रिकमेंडेशन के आधार पर किसानों को फील्ड पर जाकर विस्तार से समझाइश दी जाए। उप संचालक कृषि को निर्देशित किया गया कि इस कार्य की प्रतिदिन निगरानी करें तथा लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों पर त्वरित वेतन कटौती की कार्रवाई की जाए।
कलेक्टर ने दोहराया कि फील्ड पर मजबूत एक्सटेंशन वर्क अत्यंत आवश्यक है, तभी योजनाओं का वास्तविक लाभ किसानों तक पहुँचेगा। इसके पश्चात उन्होंने नवीन मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला की जानकारी ली और निर्देश दिए कि तहसील स्तर से प्राप्त नमूनों की जिला स्तर पर री-चेकिंग कराई जाए। साथ ही क्वालिटी कंट्रोल, बीज-पेस्टिसाइड तथा राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की धरातली स्थिति का आकलन कर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर अगली बैठक में प्रस्तुत की जाए।
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि सभी योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक किसानों तक पहुँचे, इसके लिए प्रचार-प्रसार गतिविधियाँ तेज की जाएँ। उन्होंने कहा कि सक्सेस स्टोरीज के माध्यम से योजनाओं के सफल क्रियान्वयन की जानकारी किसानों तक प्रभावी ढंग से पहुँचाई जा सकती है।
आत्मा योजना (आत्मा) पर विशेष जोर
बैठक में कलेक्टर ने आत्मा योजना (आत्मा - एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी मैनेजमेन्ट एजेंसी) को किसानों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह भारत सरकार की ऐसी प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एवं प्रसार को विकेन्द्रीकृत करना है। इसके माध्यम से किसानों तक नई तकनीक, बेहतर फसल प्रबंधन एवं आधुनिक कृषि पद्धतियाँ पहुँचाई जाती हैं, जिससे उनकी आय में वृद्धि संभव हो सके।
उन्होंने बताया कि आत्मा योजना एक स्वायत्त संस्था के रूप में ज़िला स्तर पर कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य विभागों तथा कृषि विज्ञान केंद्रों (केव्हीकेएस) के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करती है। इसके अंतर्गत किसानों के लिए प्रशिक्षण, प्रदर्शन, अध्ययन भ्रमण एवं जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिससे किसान आत्मनिर्भर बन सकें।
कलेक्टर ने आत्मा योजना के तहत संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में प्रतिभागियों के चयन को अत्यंत गंभीरता से करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सही चयन होने पर किसान बेहतर कृषि प्रैक्टिस सीखकर जिले में उनका अडॉप्शन करेंगे, जिससे अन्य किसान भी प्रेरित होंगे और व्यापक स्तर पर लाभ मिलेगा।
कलेक्टर ने परंपरागत कृषि विकास योजना, कृषि यंत्रीकरण, नरवाई प्रबंधन तथा जे-फार्म सर्विसेज ऐप की विस्तृत समीक्षा करते हुए सभी योजनाओं में तेजी लाकर ठोस और मापनीय परिणाम देने के निर्देश दिए।
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