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जालौन में मौत का सफर समाजसेवी मोहम्मद अशफाक राइन ने उठाई आवाज अवैध बसों पर जांच समिति की मांग

उरई (जालौन)। जनपद जालौन में संचालित प्राइवेट और लग्ज़री बसों के अवैध संचालन ने आम जनता की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। उरई–जालौन से दिल्ली, जयपुर, मथुरा सहित अन्य शहरों तक चलने वाली बसों और एल.जी. सवारी जैसे निजी वाहनों पर नियमों की खुलेआम अनदेखी के आरोप लगे हैं। इस गंभीर मुद्दे को लेकर समाजसेवी मोहम्मद अशफाक राइन ने जिलाधिकारी जालौन को शिकायती पत्र सौंपकर जांच समिति गठित करने की पुरजोर मांग की है।

समाजसेवी मोहम्मद अशफाक राइन ने आरोप लगाया कि जिले में बड़ी संख्या में वाहन बिना वैध परमिट, फिटनेस, बीमा और प्रशिक्षित ड्राइवरों के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। यह स्थिति सीधे यात्रियों की जान से खिलवाड़ है, लेकिन संबंधित विभागों की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। उन्होंने कहा कि बिना विभागीय संरक्षण के इतने बड़े पैमाने पर अवैध संचालन संभव नहीं।

शिकायत में मांग की गई है कि एक स्वतंत्र और सक्षम समिति बनाकर जनपद की सभी निजी बसों व सवारी वाहनों की गहन जांच कराई जाए। जिन वाहनों के दस्तावेज अधूरे या फर्जी पाए जाएँ, उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई कर संचालन पर रोक लगाई जाए। उन्होंने चेताया कि यदि समय रहते सख्ती नहीं की गई तो किसी भी बड़ी दुर्घटना की सीधी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

मोहम्मद अशफाक राइन ने यह भी कहा कि दुर्घटना की स्थिति में अवैध वाहनों के कारण पीड़ित परिवारों को बीमा क्लेम तक नहीं मिल पाता, जिससे उन्हें आर्थिक और मानसिक यातना झेलनी पड़ती है। ऐसे वाहन संचालक जनता को धोखा देकर खुलेआम मुनाफाखोरी कर रहे हैं।

अब सवाल यह है कि जिलाधिकारी जालौन इस गंभीर जनहित के मामले में कब तक कार्रवाई करते हैं या फिर यह आवाज भी कागजी जांच तक ही सीमित रह जाएगी। जनता को अब ठोस कार्रवाई का इंतजार है, क्योंकि यहां मामला केवल नियमों का नहीं, जनता की जान का है।

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