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पॉक्सो जैसे गंभीर अपराध की आरोपी शिक्षिका को एक साल तक वेतन, बुलढाणा में जनता के पैसे की खुली लूट

बुलढाणा जिले में शिक्षा विभाग से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पॉक्सो जैसे गंभीर अपराध में आरोपी एक शिक्षिका को निलंबन के दौरान भी पूरे एक साल तक वेतन दिया गया। हैरानी की बात यह है कि शिक्षिका न तो तय मुख्यालय पर हाजिर रहीं और न ही नियमों का पालन किया गया।
जिले में कुल सात निलंबित शिक्षकों को संग्रामपुर तालुका की अलग-अलग स्कूलों को मुख्यालय बनाया गया था। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने साफ आदेश दिए थे कि निलंबन की अवधि में शिक्षक मुख्यालय में ही उपस्थित रहेंगे और बिना अनुमति मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे। इसके बावजूद, कोई भी शिक्षक पूरे साल मुख्यालय में मौजूद नहीं रहा, फिर भी सभी को भुगतान किया गया।
इन सात शिक्षकों में रेखा मानकर नाम की शिक्षिका पॉक्सो जैसे गंभीर मामले में आरोपी हैं। उन्हें संग्रामपुर तालुका के निमखेड प्राथमिक स्कूल को मुख्यालय दिया गया था, लेकिन दिसंबर से अब तक वह एक भी दिन वहां उपस्थित नहीं रहीं। यह मामला मीडिया के कैमरे में भी कैद हुआ है।
जब इस बारे में संग्रामपुर पंचायत समिति के गटशिक्षण अधिकारी दीपक देविदास ताले से सवाल किया गया, तो उन्होंने अपने ही “स्वयं घोषित नियम” बताए। उन्होंने कहा कि निलंबित शिक्षकों को मुख्यालय में हाजिर रहना जरूरी नहीं है और उन्हें वेतन नहीं बल्कि निर्वाह भत्ता दिया जाता है। लेकिन असल में आरोपी शिक्षिका का पूरा वेतन निकाले जाने से अब अधिकारी खुद सवालों के घेरे में आ गए हैं।
इस पूरे मामले में जनता के पैसों के दुरुपयोग का आरोप लगाया जा रहा है और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

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