logo

मथुरा में 300 अधिवक्ताओं के चेंबर तोड़कर प्रशासन ने दिखाई तानाशाही! सचिव पद की प्रत्याशी पूजा वर्मा का बड़ा आरोप – वकीलों को जानबूझकर अपमानित किया गया**

मथुरा।
कलेक्ट्रेट परिसर स्थित हल्दीघाटी में 300 अधिवक्ताओं के चेंबर तोड़े जाने की कार्रवाई को लेकर प्रशासन पर गंभीर और सनसनीखेज आरोप लगे हैं। बार एसोसिएशन की सचिव पद की प्रत्याशी पूजा वर्मा ने इस पूरे घटनाक्रम को प्रशासन की तानाशाही, मनमानी और वकीलों को दबाने की साजिश करार दिया है।

पूजा वर्मा ने आरोप लगाया कि जिलाधिकारी के इशारे पर सिटी मजिस्ट्रेट ने बिना नोटिस, बिना संवाद और बिना वैकल्पिक व्यवस्था अधिवक्ताओं के चेंबर तुड़वा दिए। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई नहीं बल्कि वकीलों के आत्मसम्मान को कुचलने की कोशिश है।

300 चेंबर नहीं तोड़े गए, 300 वकीलों को खुली चुनौती दी गई” – पूजा वर्मा

उन्होंने कहा कि प्रशासन का यह कदम साफ दिखाता है कि वर्तमान बार नेतृत्व पूरी तरह विफल हो चुका है और अधिवक्ताओं की आवाज दबाई जा रही है। पूजा वर्मा ने आरोप लगाया कि यदि बार संगठन मजबूत होता तो प्रशासन इतनी बड़ी कार्रवाई करने का साहस नहीं करता।

दो दिन का अल्टीमेटम, नहीं तो उग्र आंदोलन

पूजा वर्मा ने प्रशासन को खुली चेतावनी देते हुए कहा कि यदि 48 घंटे के भीतर टूटे हुए चेंबरों के पुनर्निर्माण का लिखित निर्णय नहीं हुआ, तो अधिवक्ता सड़क से लेकर न्यायालय तक उग्र आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

बार फंड होने के बावजूद चुप्पी – पदाधिकारियों पर भी सवाल

उन्होंने आरोप लगाया कि बार के अध्यक्ष और सचिव ने जानबूझकर चुप्पी साध रखी है। बार फंड में पैसा होते हुए भी पीड़ित अधिवक्ताओं के चेंबर बनवाने के लिए एक ईंट तक नहीं रखी गई, जो मौजूदा नेतृत्व की नाकामी को दर्शाता है।

मौके पर पहुंचकर किया निरीक्षण, जमकर नारेबाजी

बुधवार को पूजा वर्मा स्वयं हल्दीघाटी पहुंचीं और मलबे में तब्दील चेंबरों का निरीक्षण किया। इस दौरान आक्रोशित अधिवक्ताओं ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कार्रवाई को वापस लेने की मांग की।

प्रदर्शन में शामिल अधिवक्ताओं में प्रमुख रूप से
ओमप्रकाश शर्मा, रूपेश चौधरी, शमशेर सिंह, रवि ठाकुर एडवोकेट, जयंती सारस्वत एडवोकेट, निशांत राघव एडवोकेट, गुड्डू यादव एडवोकेट, राहुल प्रताप एडवोकेट, बंटी यादव एडवोकेट, शिवा पंडित एडवोकेट, मिथलेश देवी एडवोकेट, राजवीर सारस्वत एडवोकेट, कन्हैया तिवारी एडवोकेट, गौरव सारस्वत एडवोकेट, राजेंद्र फरारी एडवोकेट, अश्विनी शुक्ला एडवोकेट, पवन दुबे एडवोकेट, सायरा एडवोकेट, सोनिया चौधरी एडवोकेट, अनीता ठाकुर एडवोकेट व अर्चना शर्मा मौजूद रहे।

प्रशासन बनाम अधिवक्ता – टकराव तय?

पूरे मामले ने मथुरा की न्यायिक व्यवस्था में हलचल मचा दी है। अधिवक्ताओं का कहना है कि यदि अब भी प्रशासन ने फैसला नहीं बदला तो यह आंदोलन इतिहास का सबसे बड़ा वकील आंदोलन बन सकता है।

39
1678 views