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प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक द्वारा उप जेल का निरीक्षण


*एमसीबी/ राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशानुसार तथा माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट याचिका (सी) क्रमांक 1404/2023 सुकन्या संस्था बनाम यूनियन ऑफ इंडिया एवं अन्य में पारित निर्णय के अनुपालन में आज उप जेल मनेन्द्रगढ़ का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण दल में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री शैलेश कुमार तिवारी, कलेक्टर श्री डी. राहुल वेंकट, पुलिस अधीक्षक श्रीमती रत्ना सिंह, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री लोकेश कुमार बंजारा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमती अमृता दिनेश मिश्रा तथा जिला विजिटर बोर्ड के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
निरीक्षण के दौरान बंदियों को निरुद्ध अवधि में प्राप्त होने वाले अधिकारों एवं मूलभूत सुविधाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। अधिकारियों द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि सभी बंदियों को समय पर विधिक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं तथा उनके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा रहा है। निरीक्षण बोर्ड ने बंदियों से प्रत्यक्ष संवाद कर उनकी समस्याओं एवं सुझावों को सुना। दल द्वारा उप जेल के अधोसंरचना, बैरकों की स्थिति, बंदियों के उपयोग हेतु उपलब्ध शौचालयों की स्वच्छता एवं रख-रखाव की समीक्षा की गई। साथ ही बंदियों को प्रदत्त भोजन की गुणवत्ता की भी जांच की गई। निरीक्षण के दौरान जेल परिसर में किसी भी प्रकार का जातिगत अथवा अन्य भेदभाव नहीं पाया गया।
इसके अतिरिक्त जेल परिसर में स्थापित लीगल एड क्लीनिक का निरीक्षण कर वहां उपलब्ध सुविधाओं तथा बंदियों को प्रदान की जा रही विधिक सहायता की स्थिति का अवलोकन किया गया। उल्लेखनीय है कि माननीय उच्चतम न्यायालय के निर्णय दिनांक 03 अक्टूबर 2024 के निर्देशों के अनुपालन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला विजिटर बोर्ड, एमसीबी द्वारा प्रत्येक तिमाही उप जेल मनेन्द्रगढ़ का निरीक्षण किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि जेल में निरुद्ध बंदियों को सभी विधिक एवं मूलभूत सुविधाएं समय पर उपलब्ध हों तथा उनके साथ किसी प्रकार का भेदभाव न हो।

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