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चित्रकूट के चर्चित कर्मचारी की संपत्ति जांच को मुख्यमंत्री को भेजा पत्र कम समय की नौकरी पर बनायी करोडो की संपत्ति



कम समय की नौकरी पर बनायी करोडो की संपत्ति

चित्रकूट। हमेशा विवादों से घिरे रहने वाले तत्कालीन एसडीएम के स्टेनो मनीष निगम अवैध खनन और भू-माफिया बतौर उभरकर सामने आये है। इनके काले कारनामे किसी से छिपे नही है।
यह पहले भी तमाम शिकायतों का जवाब देते-देते परेशान हो गये थे तब इन्होने अपने सजातीय पूर्व जिलाध्यक्ष गुरू से गुरूमंत्र लेकर शिकायतकर्ताओं को अपने वश मे कर लिया था अतः इसकी जांच फाइल आज भी शासन मे लंबित है। इनका गैर जनपदों मे कई बार स्थानान्तरण हो चुका है इनके अनुकंपा नियुक्ति के कागजातों की
जांच की जाये तो पूरी नौकरी ही फर्जी पायी जा सकती है। जिला पंचायत राज अधिकारी के यहां तैनात सुरेन्द्र कुमार चतुवेर्दी की सारी डिग्रियां फर्जी पायी गयी है। इनकी जांच भी जिलाधिकारी ने करायी है और कार्यवाही के लिये लंबित पडी है। ठीक उसी प्रकार मनीष निगम की पत्तावली मे फजीवाड़ा है। साल डेढ़ साल पहले अवैध खनन मे इसका नाम सुर्खियों मे आया था इसके अलावा सैकड़ों भू-माफियाओं से इसका नाम प्रकाश में आया था। लगभग तीन करोड़ की ऑलीशान

कोठी आखिरकार इतने कम समय की तैनाती मे कहां से आया इसकी जांच आवश्यक है। अभी हाल ही मे कलेक्टेज्ट कर्मचारी सुनील पटेल और मनीष निगम दोनों ने मिलकर मण्डलायुक्त को गुमराह कर स्वयं डीएम का स्टेनो बनने की लालसा मे सारी सीमाये लांघ रहा है।

आखिरकार डीएम का स्टेनो बनने के लिये इतनी उत्सुकता क्यो है पूर्व की तरह भ्रष्टाचार का राज कायम करने की जुगत भिडा रहे है इस शख्स पर कार्रवाई अति आवश्यक है। आप जिलाध्यक्ष एसएल शुक्ला और भाजपा नेता ओझा ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

रिपोर्ट- शेर कश्यप

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