नवादा ज़िले में मोहम्मद अतहर हुसैन की हत्या नहीं, बल्कि इंसानियत का क़त्ल हुआ है।
क़त्ल से पहले उनकी पहचान जाँची गई, फिर उन्हें हैवानियत का शिकार बना
नवादा ज़िले में मोहम्मद अतहर हुसैन की हत्या नहीं, बल्कि इंसानियत का क़त्ल हुआ है।
क़त्ल से पहले उनकी पहचान जाँची गई, फिर उन्हें हैवानियत का शिकार बनाया गया।
गर्म रॉड से पीटा गया, सिर फोड़ा गया,धारदार हथियार से कान काटे गए, कोई गला दबा रहा था, तो कोई उंगलियाँ तोड़ रहा था।
हैवानियत की सारी हदें तब टूट गईं, जब उनके प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डाल दिया गया।
इन अमानवीय यातनाओं के कारण उनकी मौत हो गई।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी इस पर चुप क्यों हैं?
NDA सरकार बताए कि बिहार में क़ानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज़ बची भी है या नहीं?
इस जघन्य अपराध के तमाम दोषियों को सख़्त से सख़्त सज़ा मिलनी चाहिए इंसाफ़ में देरी, ज़ुल्म को बढ़ावा देने के बराबर है।