उत्तर प्रदेश में 2027 विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज़ हो गई है। शहरों से लेकर गाँवों तक चुन
शहरों से लेकर गाँवों तक चुनावी चर्चा आम हो चुकी है।जनता इस बार रोज़गार, महंगाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और कानून-व्यवस्था को सबसे बड़ा मुद्दा मान रही है।युवा वर्ग सरकारी भर्तियों और नौकरी को लेकर सवाल उठा रहा है,वहीं महिलाएँ महंगाई और राशन व्यवस्था से परेशान दिख रही हैं।ग्रामीण इलाकों में सड़क, बिजली और पानी अब भी प्रमुख मुद्दे बने हुए हैं।सभी प्रमुख राजनीतिक दल बूथ स्तर पर संगठन मज़बूत करने में जुटे हैं।जनता अब वादों से ज़्यादा पिछले कामों का हिसाब माँग रही है।2027 का यूपी चुनाव सिर्फ सत्ता की नहीं,बल्कि जनता की उम्मीदों और भरोसे की परीक्षा माना जा रहा है।