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*फर्जी धान कांड में पकड़ा गया मारुति वेयरहाउस फिर बना खरीदी केंद्र — चार गांव के किसानों का फूटा गुस्सा, प्रशासन पर गंभीर आरोप*


*फर्जी धान कांड में पकड़ा गया मारुति वेयरहाउस फिर बना खरीदी केंद्र — चार गांव के किसानों का फूटा गुस्सा, प्रशासन पर गंभीर आरोप*

कटनी। बसाडी, निगहारा, कांटी और आसपास के गांवों के किसानों का गुस्सा अब उबाल पर है। किसानों ने कलेक्टर आशीष तिवारी को पत्र लिखकर खरीदी प्रणाली में हो रही धांधली, अवैध वसूली और तौल घोटाले को लेकर सीधे प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सबसे बड़ी बात—
जिस मारुति वेयरहाउस, कांटी से कुछ दिन पहले हजारों क्विंटल फर्जी धान पकड़ा गया था और जिसे प्रशासन ने ही कार्रवाई कर पकड़ा था, उसे फिर खरीदी केंद्र बना दिया गया!
किसानों ने इसे सीधा-सीधा “चोर के हाथों साहूकारी” देने जैसा बताया है।

*किसानों का आरोप: ‘घोटाले को पकड़ा भी प्रशासन ने… और संरक्षण भी वही दे रहा है!’*
किसानों ने कहा—
“जहां से फर्जी धान पकड़ा, उसी को फिर से खरीदी केंद्र बना दिया। यह क्या है? किसानों को उसी जाल में दोबारा फंसाने की खुली कोशिश!”
किसानों का कहना है कि बसाडी और निगहारा खरीदी केंद्र भी प्रत्यक्ष–अप्रत्यक्ष रूप से उसी संचालक को सौंप दिए गए हैं।
गांवों में यही चर्चा है—खरीदी व्यवस्था का पूरा खेल एक ही नेटवर्क के हाथ में जा चुका है।

*तौल घोटाला खुलकर! 41 किलो बोरी में सिर्फ 40 किलो धान*
किसानों ने जो आरोप लगाए, वो चौंकाने वाले हैं— 41 किलो की बोरी में सिर्फ 40 किलो तौलकर किसानों को लूटा जा रहा है। प्रति क्विंटल 100 रुपये की अवैध वसूली वसूली जा रही है। खरीदी केंद्र प्रभारी और संचालक की सीधी मिलीभगत की बात कही गई है। किसानों का साफ आरोप—“ये कोई खरीदी केंद्र नहीं, सीधी लूट का अड्डा बन गया है!”

*“जिसे कार्रवाई के बाद हटाना चाहिए था… उससे ही तीन–तीन केंद्र चलवाना!”*
किसानों ने यह सवाल जोरदार तरीके से उठाया— “जिस वेयरहाउस पर फर्जी धान का मामला पकड़ा गया, उससे ही तीन खरीदी केंद्र कैसे चलवाए जा रहे हैं? क्या भ्रष्टाचार पकड़ने की कार्रवाई सिर्फ दिखावा थी?”

*प्रभारियों को हटाने की मांग—किसानों का साफ कहना: ‘ये लोग किसानों को निचोड़ रहे हैं!’*
किसानों ने बसाडी, निगहारा और कांटी के खरीदी केंद्र प्रभारियों को तत्काल हटाने की मांग करते हुए कहा कि यही लोग अवैध वसूली का पूरा तंत्र चला रहे हैं।

*“क्या पारदर्शिता सिर्फ फाइलों में? जमीन पर तो लूट ही लूट!”*
किसानों ने प्रशासन पर सीधे प्रहार करते हुए कहा—
“फर्जीवाड़ा पकड़ा, कार्यवाही का ढोल पीटा… और अब वही जगह दोबारा चालू कर दी!
यह किसानों के साथ धोखा नहीं तो और क्या है?”

*किसानों की चेतावनी—यदि कार्रवाई न हुई तो आंदोलन होगा तेज*
गांवों में किसान साफ कह रहे हैं कि अब और बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जवाबदेही तय हो, दोषियों पर कार्रवाई हो और खरीदी केंद्रों की व्यवस्था बदली जाए—वरना बड़ा आंदोलन छेड़ा जाएगा।

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