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फर्जी IAS ने असली SDM को थप्पड़ मारा, चार प्रेमिकाएं; 10 गनर और महीने का खर्च 5 लाख रुपये !!सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर ठगी के आरोप में गिरफ्तार फर्जी

सरकारी ठेका दिलाने के नाम पर ठगी के आरोप में गिरफ्तार फर्जी आईएएस ललित किशोर उर्फ गौरव कुमार का मासिक खर्च 5 लाख रुपये से अधिक था। एक बीवी, चार प्रेमिकाएं, इनमें 3 गर्भवती, एक मैनेजर और 10 गनर रखने का भी खुलासा हुआ है। पुलिस ने उसके साथी परमानंद गुप्ता को भी गिरफ्तार किया है और उसके साले अभिषेक की तलाश कर रही है।

बीते 7 नवंबर को गोरखपुर के प्लेटफार्म नंबर एक पर चेकिंग के दौरान जीआरपी और आरपीएफ ने एक व्यक्ति के से सूटकेस से 99 लाख 90 हजार रुपये बरामद किए थे। यहीं से ललित किशोर की उल्टी गिनती शुरू हो गई थी। पुलिस की जांच पड़ताल में पता चला कि यह रुपये बिहार भेजे जा रहे थे।ललित किशोर ने बिहार के एक ठेकेदार माधव से 5 करोड़ रुपए प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लिए थे। वादा किया था कि उसे 450 करोड़ रुपये का टेंडर दिलवाएगा।

खुद को 2022 बैच का आईएएस बतानेवाला ललित किशोर मूलरूप से सीतामढ़ी (बिहार) के मेहसौल का रहने वाला है। इसके पिता चलितर राम पेंट पॉलिश और मजदूरी करते थे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि ललित किशोर पहले सीतामढ़ी में सुपर 100 कोचिंग सेंटर में गणित का शिक्षक था। वर्ष 2023 में वह एडमिशन के नाम पर दो लाख रुपये लेने के आरोप में कोचिंग से निकाल दिया गया।


एसपी सिटी के अनुसार ललित किशोर हमेशा 10-12 गनरों के साथ चलता था। प्रत्येक को वह 30 हजार रुपये मासिक देता था। इसके अलावा उसने एक मैनेजर रखा था, जिसे 60 हजार रुपये महीने मिलते थे। उसके पास स्कॉर्पियो और अर्टिगा दो लग्जरी वाहन थे, जिनकी 30-30 हजार रुपये ईएमआई हर महीने जमा करता था। गोरखपुर के होटलों में वह 30 हजार रुपये मासिक रूम रेंट खर्च करता था। यहीं नहीं सरकारी अधिकारी जैसी छवि बनाने के लिए वह सरकारी कार्य पर लिखी निजी गाड़ियों का इस्तेमाल करता था। जहां भी जाता, गनरों की टोली और स्टाफ लेकर पहुंचता, जिससे लोग उसे असली आईएएस समझ लेते थे।

इसी बीच ललित किशोर बिहार के भागलपुर में एक गांव का दौरा करने पहुंचा, जहां उसकी मुलाकात असली एसडीएम से भी हुई थी। बताया जाता है कि एसडीएम ने ललित किशोर से कुछ सवाल पूछने की कोशिश की तो उसने एसडीएम को दो थप्पड़ मार दिए। यह मामला वहां चर्चा का विषय बना था।


एमएससी के बाद ललित किशोर मैथ से पीएचडी कर रहा था, लेकिन इसी दौरान उसने फर्जी पहचान और दिखावे के सहारे ठगी का रास्ता अपना लिया। वर्ष 2016 में उसके खिलाफ सीतामढ़ी के रीगा थाने में युवती को बहला फुसला कर भगा ले जाने के मामले में पहली प्राथमिकी दर्ज हुई थी। जो वर्तमान में उसकी पत्नी है। जिससे दो बच्चे भी हैं। पिछले पांच महीनों से वह चिलुआताल थाना क्षेत्र में किराए के मकान में पत्नी, दो बच्चों और साले के साथ रह रहा था।

ललित किशोर को एक पत्नी व चार प्रेमिकाएं हैं। जिसमें तीन गोरखपुर और एक सीतामढ़ी की रहने वाली है। जिनमें तीन गर्भवती पाई गई हैं। ललित किशोर इन सभी पर महंगे मोबाइल, ज्वैलरी और लाखों रुपये खर्च करता था। महंगे कपड़े और ब्रांडेड चीजों का शौकीन ललित किशोर अपने आपको हाई प्रोफाइल अधिकारी दिखाने में कोई कमी नहीं छोड़ता था।

पिछले पांच महीनों से ललित किशोर अपनी पत्नी, दो बच्चों और साले के साथ चिलुआताल थाना क्षेत्र में किराए के मकान में रह रहा था। यहीं से वह ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से ठगी का नेटवर्क चला रहा था।


ललित किशोर पिछले पांच माह में भटहट, पीपीगंज, कैम्पियरगंज और अन्य क्षेत्रों के स्कूलों में भी फर्जी आईएएस बनकर निरीक्षण करने गया था। छात्रों की बोर्ड परीक्षा के दौरान वह दो लग्जरी गाड़ियों और गनरों के काफिले के साथ पहुंचा था। हालांकि अभी तक स्कूलों से धन उगाही की शिकायतें नहीं आई हैं।

ललित किशोर एआई तकनीक का इस्तेमाल कर मीटिंग लेटर, मंत्रालय के नोट, नियुक्ति आदेश, अनुमोदन पत्र, दिखाकर पीड़ितों को पूरी तरह भ्रमित कर देता था। यहीं नहीं लोगों को झांसे में लेने के लिए एआई तकनीक की मदद से अधिकारियों की मीटिंग से उनका फोटो हटा अपना फोटो लगा देता था। ललित किशोर के पास से देवरिया जिलाधिकारी की मीटिंग का भी फोटो बरामद हुआ है।

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