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आपसी सामंजस्य से हुआ नेशनल लोक अदालत में मामलो का निराकरण

डिंडोरी।राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली व मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशन में एवं माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिण्डौरी श्रीमति शशिकान्ता वैश्य के मार्गदर्शन में नेशनल लोक अदालत का आयोजन दिनांक 13 दिसंबर 2025 को किया गया, आयोजित सफल लोक अदालत का शुभारंभ माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीमति शशिकान्ता वैश्य, कलेक्टर श्रीमति अंजू पवन भदौरिया, पुलिस अधीक्षक श्रीमति वाहनी सिंह एवं अध्यक्ष अधिवक्ता संघ यू.के पटेरिया द्वारा माँ सरस्वती की छायाचित्र पर मार्त्यापण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। आयोजित नेशनल लोक अदालत में माननीय श्रीमति शशिकान्ता वैश्य प्रधान जिला न्यायाधीश द्वारा व्यक्त किया गया कि नेशनल लोक अदालत में न्यायालयों में लंबित पारिवारिक विवाद, मोटरयान दुर्घटना दावा, चैक अनादरण एवं विभिन्न राजीनामा योग्य आपराधिक व दीवानी प्रकरण आपसी समझौते व सुलह के आधार पर निराकृत होगें, लोक अदालत में बैंकों की ऋण वसूली, विद्युत एवं दूरभाष बिल बकाया एवं नगर पालिका के संपत्ति व जल कर से संबंधित मुकदमा पूर्व प्रकरणों का निराकरण भी उभय पक्षों की सहमति से होगा।

कार्यक्रम में कलेक्टर श्रीमति अंजू पवन भदौरिया एवं पुलिस अधीक्षक श्रीमति वाहनी सिंह ने नेशनल लोक अदालत की बधाई दी, आयोजित लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय एम. एल राठौर, तृतीय जिला न्यायाधीश कमलेश कुमार सोनी, द्वितीय जिला न्यायाधीश शिवकुमार कौशल, प्रथम जिला न्यायाधीश रविंद्र गुप्ता, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्री गिरजेश कुमार सनोडिया, श्री आशीष केशरवानी न्यायाधीश / सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री आर.पी. सिंह न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्रीमति कमला उईके न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, श्री उत्कर्ष राज सोनी, न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, सुश्री रिया डहेरिया न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, अध्यक्ष अधिवक्ता संघ यू.के पटेरिया, सीएफसी राम सखा साकेत, अध्यक्ष कर्मचारी संघ भीम प्रकाश रामटेके, डिफेंस कांउसिल टीम अधिवक्तागण, न्यायालयीन कर्मचारीगण व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डिण्डौरी के कर्मचारीगण, पक्षकारगण, विद्युत विभाग, नगरपालिका विभाग, एवं समस्त बैंक आदि के अधिकारीगण / कर्मचारीगण उपस्थित रहें। उक्त लोक अदालत की सफलता में सभी न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, पक्षकारगण, अन्य विभागों के अधिकारीगण एवं उनमें कार्यरत अन्य सभी शासकीय सेवकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री आशीष कुमार केशरवानी द्वारा बताया गया कि, लोक अदालत में विभिन्न न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में से कुल 327 लंबित प्रकरण निराकृत हुए। लोक अदालत के कुल निराकृत प्रकरणों में राशि 7802149 रूपयें का अवार्ड पारित हुआ। प्रिलिटिगेशन प्रकरणों की श्रेणी में कुल 37 प्रकरण निराकृत हुए जिसमें 1206375 की राशि विभागों को प्राप्त हुई। इस प्रकार कुल 9008524 का अवार्ड पारित हुआ।

सफलता की कहानी

प्रथम प्रकरण पति-पत्नी के आपसी विवाद के कारण दोनों अलग-अलग रह रहे थे। इस पर पति भुवनेश्वर ने पत्नी किरण के विरूद्ध विवाह विच्छेद हेतु न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत किया वहीं किरण ने भी भरण-पोषण हेतु भुवनेश्वर के विरूद्ध न्यायालय में वाद प्रस्तुत कर दिया। विवाह के 3 वर्ष तक दोनों साथ-साथ थे किन्तु आपसी मतदेभ के चलते तीन वर्ष से अलग अलग रह रहे थे। इस पर प्रधान न्यायाधीश कुटुम्ब न्यायालय ने दोनों पक्षों को समझाईश दी। जिसपर दोनो पक्षो ने एक दूसरे को माला पहनाकर प्रकरण राजीनामा के आधार पर समाप्त कराया। इस तरह लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा का विशेष प्रयास किए जाने पर एक परिवार टूटने से बच सका एवं दो प्रकरणों का राजीनामा के आधार पर निराकरण हो सका। इस दौरान दोनो पक्षो को स्मृति स्वरूप पौधे भेट किए गए. इस अवसर पर खण्डपीठ के सदस्य, दोनो पक्षो के अधिवक्ता एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव आशीष केशरवानी उपस्थित रहें।

द्वितीय प्रकरण एक अन्य प्रकरण में 2018 में संपन्न हुआ विवाह 2024 में टूटने की कगार पर आ गया। पत्नी लीलाबाई ने अपने पति मुन्नालाल के विरूद्ध थाने में जाकर रिपोर्ट दर्ज करायी कि पति उसके साथ दुर्व्यवहार करता है। जिसके बाद, पत्नी अपने मायके में रहने लगी। पत्नी की रिपोर्ट पर पति के विरूद्ध प्रकरण न्यायालय श्री उत्कर्षराज सोनी न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय के द्वारा फरियादी एवं अभियुक्त को समझाईस दी जाने पर दोनो के मध्य राजीनामा हुआ। पत्नी / फरियादी पति/अभियुक्त के साथ रहने के लिए न्यायालय से ही चली गई एवं एक परिवार टूटने से बच सका तथा प्रकरण को राजीनामा के आधार पर सुलझाया गया। इस दौरान पति-पत्नी ने एक दूसरे को माला पहनाई एवं दोनो को स्मृति स्वरूप पौधे भेट किए गए इस दौरान माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्रीमति शशिकांता वैश्य खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारी उत्कर्षराज सोनी खण्डपीठ के दोनो सदस्य एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री आशीष केशरवानी उपस्थित रहें।

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