logo

मेक माय ट्रिप पर यात्रियों का गुस्सा

𝐈𝐧𝐝𝐢𝐆𝐨 के अभूतपूर्व ऑपरेशनल संकट ने जहाँ देशभर में उड़ान सेवाओं को अस्त-व्यस्त किया है, वहीं अब सबसे बड़ा उपभोक्ता आक्रोश MakeMyTrip (MMT) के खिलाफ फूट पड़ा है।

क्योंकि हजारों यात्रियों ने आरोप लगाया है कि एयरलाइन द्वारा टिकट रद्द किए जाने के बावजूद MMT ने प्रति टिकट लगभग ₹700 की 'कन्वीनियंस फीस” वापस नहीं की, और इस शुल्क को गैर-रिफंडेबल बताकर अपने पास रख लिया, जिससे यह स्थिति पैदा हुई कि Indigo के लगभग ₹900 करोड़ के रद्द टिकटों में से यदि मात्र 10 प्रतिशत भी MMT के माध्यम से बुक हुए हों, तो कंपनी ने अकेले “फीस” के नाम पर ₹80 करोड़ से अधिक की कमाई कर ली; उपभोक्ताओं ने इसे “डिजिटल डकैती” “लालच का loophole” और “फी-ट्रैप स्कैम” कहा है। सोशल मीडिया पर हजारों शिकायतें वायरल हैं जिनमें लोग यह बताते हैं कि एयरलाइन की गलती होने पर भी उन्हें मात्र बेस फेयर और टैक्स का रिफंड मिला, लेकिन MMT द्वारा वसूली गई सुविधा-शुल्क की पूरी राशि काट ली गई, जबकि उसी सेवा (टिकट बुकिंग) का लाभ उन्हें प्राप्त ही नहीं हुआ। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि उपभोक्ता मंचों, अधिकार कार्यकर्ताओं और कानूनी विशेषज्ञों ने @DGCAIndia, @jagograhakjago और केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय से तत्काल हस्तक्षेप, विस्तृत जांच और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स पर नियामकीय नियंत्रण कड़ा करने की सिफारिश की है। विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि यदि यह प्रथा बिना विनियमन के जारी रही, तो डिजिटल ट्रैवल उद्योग में उपभोक्ता अधिकारों का गंभीर हनन होगा और नई आर्थिक विषमता पैदा होगी, क्योंकि “फ्लाइट रद्द होने का असली घाटा उपभोक्ता झेल रहा है, जबकि कॉर्पोरेट प्लेटफॉर्म मुनाफा कमा रहे हैं।” Indigo संकट भले ही तकनीकी कारणों से शुरू हुआ हो, लेकिन उसने पूरे ऑनलाइन टिकटिंग उद्योग की पारदर्शिता, नैतिकता और जवाबदेही पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है, और यह विवाद अब भारत में डिजिटल उपभोक्ता संरक्षण की परीक्षा बन चुका है।

23
365 views