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शेरघाटी बिजली विभाग की घोर लापरवाही, बिल माफी के नाम पर जनता से खुला मज़ाक....

आमस से पत्रकार दीपक की रिपोर्ट :-
शेरघाटी लोक अदालत में बिजली विभाग की घोर लापरवाही, बिल माफी के नाम पर जनता से खुला मज़ाक

अधिकारी नदारद, सड़क पर उतरे उपभोक्ता—शहर की नब्ज घंटों थमी रही
न्याय दिलाने के नाम पर आयोजित लोक अदालत शेरघाटी में उस वक्त तमाशा बनकर रह गई, जब बिजली विभाग का एक भी जिम्मेदार पदाधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। बिजली बिल माफी की आस में पहुंचे सैकड़ों उपभोक्ताओं को घंटों बैठाए रखने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई, जिससे जनता का गुस्सा फूट पड़ा।

लोक अदालत में बिजली विभाग की गैरहाज़िरी ने यह साफ कर दिया कि विभाग को न तो जनता की परेशानी से कोई सरोकार है और न ही न्यायिक प्रक्रिया का कोई सम्मान। उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया कि मनमाना बिल थमाने में विभाग सबसे आगे रहता है, लेकिन जब जवाब देने का वक्त आता है, तो अधिकारी गायब हो जाते हैं।

आक्रोशित लोगों ने शेरघाटी के मुख्य मार्ग को जाम कर दिया, जिससे पूरा शहर ठहर सा गया। एंबुलेंस, स्कूली वाहन और आम नागरिक घंटों जाम में फंसे रहे। सड़क पर खड़े लोग पूछते रहे—जब विभाग को आना ही नहीं था, तो लोक अदालत क्यों लगाई गई?

प्रदर्शनकारियों ने इसे बिजली विभाग और प्रशासन की मिलीभगत वाली लापरवाही करार देते हुए कहा कि लोक अदालत सिर्फ कागजी खानापूरी बनकर रह गई है। जनता को बुलाकर अपमानित किया जाता है और फिर खाली हाथ लौटने को मजबूर किया जाता है।

हालात बिगड़ते देख प्रशासन को हस्तक्षेप करना पड़ा, तब कहीं जाकर जाम हटा। लेकिन इस घटना ने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है—क्या लोक अदालतें अब सिर्फ दिखावा बनकर रह गई हैं?
यदि समय रहते विभाग की कार्यशैली नहीं सुधरी, तो जनता का आक्रोश और भड़कना तय माना जा रहा है।

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