logo

जिला विकास सलाहकार समिति का गठन: पांढुर्णा जिले के विकास को मिलेगी नई दिशा

कलेक्टर कार्यालय, जिला योजना एवं सांख्यिकी विभाग, जिला पांढुर्णा (म.प्र.) द्वारा आज एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है। मध्यप्रदेश शासन, योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग, मंत्रालय के निर्देशानुसार “जिला विकास सलाहकार समिति” का गठन कर दिया गया है।
समिति का स्वरूप - यह समिति मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में गठित की गई है। इसमें माननीय प्रभारी मंत्री द्वारा उद्योग, व्यापार, प्रगतिशील किसान, समाजसेवा, चिकित्सा, विधि आदि विभिन्न क्षेत्रों से 20 नामित प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है।

अध्यक्ष: डॉ.मोहन यादव, मुख्यमंत्री, मध्यप्रदेश शासन
उपाध्यक्ष: प्रद्युम्न सिंह तोमर, ऊर्जा मंत्री, मध्यप्रदेश शासन एवं प्रभारी मंत्री, जिला पांढुर्णा
सदस्य-सचिव: कलेक्टर नीरज कुमार वशिष्ठ, जिला पांढुर्णा
अन्य सदस्य: विवेक बंटी साहू, सांसद, संसदीय क्षेत्र छिंदवाड़ा–पांढुर्णा
विधायक: विजय रेवनाथ चौरे (सौंसर), निलेश उईके (पांढुर्णा)
संजय पुन्हार, अध्यक्ष जिला पंचायत एवं जिले के समस्त जनपद पंचायत अध्यक्ष संदीप घाटोड़े, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद पांढुर्णा, उद्योग, व्यापार, प्रगतिशील किसान, समाजसेवा, चिकित्सा, विधि आदि क्षेत्रों के 20 नामांकित प्रतिनिधि ।
विशेष आमंत्रित सदस्य:
जिला स्तर के सभी विभागों के प्रमुख (जैसे—पुलिस, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण आदि) आवश्यकता अनुसार आमंत्रित किए जाएंगे।

समिति के उद्देश्य एवं कार्य - यह समिति जिले के समग्र एवं दीर्घकालीन विकास के लिए दिशा-निर्देशन, परामर्श और योजनाओं के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके प्रमुख उद्देश्य एवं कार्य इस प्रकार हैं:-
जिले की जनता, जनप्रतिनिधियों और हितधारकों की ज़रूरतों व सुझावों के आधार पर दीर्घकालीन विकास योजनाएँ तैयार करना। जिले के परंपरागत कौशल को चिन्हित कर, माननीय प्रधानमंत्री के “वोकल फॉर लोकल” सिद्धांत के अनुरूप उन्हें राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देना तथा जिले की समृद्धि का रोडमैप तैयार करना। स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शासकीय योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन के सुझावों पर विचार करना। जिले में स्थानीय स्तर पर किए जा रहे नवाचारों को योजनाओं के रूप में विकसित करना। रोजगार सृजन एवं विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्यों से संबंधित सुझाव प्रस्तुत करना। उद्योग, व्यापार, जल संरचना संरक्षण, निर्यात, कृषि, खनिज, पर्यावरण आदि क्षेत्रों में जिले की कार्ययोजना हेतु मार्गदर्शन देना।

0
24 views