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कालाढूंगी-बाजपुर हाईवे पर भीषण हादसा, पेड़ से टकराई कार; जीजा-साले व दो मासूम बच्चियों की मौत

कालाढूंगी-बाजपुर हाईवे पर गड़प्पू के पास शुक्रवार सुबह करीब छह बजे दर्दनाक सड़क हादसा हो गया। कैंची धाम जा रहे पर्यटकों की कार अनियंत्रित होकर पेड़ से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। हादसे में जीजा-साले और दो मासूम बच्चियों की मौत हो गई, जबकि तीन लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे के समय कार में दो बच्चों समेत सात लोग सवार थे। सभी गाजियाबाद के निवासी थे और नैनीताल घूमने के लिए निकले थे। घायलों को उपचार के लिए सीएचसी बाजपुर भेजा गया, बाद में उन्हें काशीपुर-मुरादाबाद रोड स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। मृतकों के शवों को कालाढूंगी पुलिस ने पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस हादसे के कारणों की जांच कर रही है।
गाजियाबाद के स्यानी थाना नंदग्राम निवासी प्रदीप यादव (28) पुत्र राजेश यादव अपनी पत्नी ज्योति (27), बेटियों अनन्या उर्फ परी (साढ़े तीन वर्ष) व किट्टू (डेढ़ वर्ष), साले राहुल (18) व विवेक (23) पुत्र गौरीशंकर यादव तथा राहुल के दोस्त दीपांशु पुत्र रामविलास निवासी ग्राम नगला सुदमा, थाना बेवर जिला मैनपुरी के साथ कार संख्या यूपी14 जीएन 4349 से कैंची धाम जा रहे थे।
गड़प्पू पुलिस चौकी से करीब दो किलोमीटर पहले कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। हादसे में प्रदीप यादव और राहुल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि ज्योति, दोनों बच्चियां, विवेक यादव और दीपांशु गंभीर रूप से घायल हो गए। सूचना पर मौके पर पहुंचे एसआई जयवीर सिंह ने परिजनों को हादसे की जानकारी दी।
घायलों को निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां शाम करीब चार बजे अनन्या और किट्टू ने भी दम तोड़ दिया। इसके बाद हादसे में मृतकों की संख्या चार हो गई।
युवाओं ने निभाई मानवता की मिसाल
हादसे के बाद बाजपुर निवासी तेज प्रताप सिंह, काशीपुर निवासी अभिजीत सिंह और सिमरजीत सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने कार में फंसे घायलों को बाहर निकाला और निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाया। सिमरजीत सिंह ने बताया कि दोनों बच्चियां घटनास्थल से करीब आठ-दस फुट दूर जंगल में मिली थीं। राहुल को गंभीर हालत में बाहर निकाला गया, लेकिन कुछ देर बाद उसकी भी मौत हो गई।
ठाकुर जी से मांगी थीं बेटियां
राहुल यादव के पिता राजेश यादव ने बताया कि उनके तीन बेटे थे और बहू की शादी के समय उन्होंने ठाकुर जी से बेटी की मन्नत मांगी थी। भगवान ने एक नहीं, दो बेटियां दीं। परिवार खुशहाल था, लेकिन किसी को अंदेशा नहीं था कि जिन पोतियों को ठाकुर जी से मांगा, वे इतनी जल्दी इस दुनिया को छोड़ जाएंगी। हादसे के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है।

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