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अगर मुजरिम है, गलत किया है तो सजा मिले। लेकिन कोई जुर्म नहीं किया है और किसी ने उस पर झूठा मुकदमा किया है (तो) जिस पर मुकदमा होता है, उसका परिवार बिखर

अगर मुजरिम है, गलत किया है तो सजा मिले। लेकिन कोई जुर्म नहीं किया है और किसी ने उस पर झूठा मुकदमा किया है (तो) जिस पर मुकदमा होता है, उसका परिवार बिखर जाता है, समाज में साख खत्म हो जाती है, बहन-बेटी की शादी बर्बाद हो जाती है। मुकदमा करने वाला आराम से रहता है। सरकार पर भी बोझ आता है। अनगिनत झूठे मुकदमे का आर्थिक बोझ सरकार पर पड़ता है। सरकार से मांग है कि कानून का दुरुपयोग कर फर्जी मुकदमा दायर करने वालों पर सख्त कार्रवाई का कानून बनाया जाए।

✔️झूठा मुकदमा करने वालों को सजा देने का कानून बने; रवि किशन ने संसद में उठाई बेगुनाहों की आवाज
लोकसभा में गुरुवार को शून्यकाल (जीरो आवर) के दौरान रवि किशन ने फर्जी केस के कारण निर्दोष लोगों की मानसिक, सामाजिक और आर्थिक परेशानियों की संक्षिप्त चर्चा करते हुए कहा कि कानून बनाकर झूठा केस करने वाले और उसके आरोपों को सही बताने वाले जांच अधिकारियों पर कार्रवाई का कानून बनाना चाहिए। बता दें कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 248 बरी होने पर निर्दोष आरोपी को झूठे आरोप लगाने वाले पर केस करने का अधिकार देता है, जिसमें 5 से 10 साल सजा हो सकती है। लेकिन वह नया केस प्राथमिकी, जांच, चार्जशीट, सबूत, गवाही, बहस की पूरी प्रक्रिया से गुजरकर फैसले और सजा तक पहुंचने में कई साल ले सकता है

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