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सिंगरौली जिले में अडानी समूह को आवंटित कोल ब्लॉक रद्द कर वन कटाई पर रोक लगाने कांग्रेस ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम दिया ज्ञापन

डिंडोरी । कांग्रेस विधायकओमकार मरकाम ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया है।
ज्ञापन में कहा गया है कि सिंगरौली जिले में अडानी ग्रुप को आवंटित कोल ब्लॉक को तत्काल रद्द करने तथा उससे होने वाली भारी पर्यावरणीय क्षति एवं आदिवासी समुदायों के दमन को रोकने के संदर्भ में सौंपा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि उक्त आवंटन से लगभग 1400 हेक्टेयर वन भूमि माइनिंग हेतु डाइवर्ट पाँचवी अनुसूची क्षेत्र में आता है. जहाँ अधिकांश जनसंख्या अनुसूचित जनजाति तथा विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूह से संबंधित है। इस क्षेत्र में आदिवासी अधिकार, ग्रामसभा की सहमति और स्वशासन से जुड़े संवैधानिक प्रावधानों की पूर्ण रूप से उपेक्षा की गई है। साथ ही यह भी गंभीर तथ्य है कि सिंगरौली पुलिस प्रशासन द्वारा बलपूर्वक आदिवासी परिवारों को नजरबंद कर पेड़ कटवाए जा रहे हैं. जो न केवल अनैतिक है बल्कि संवैधानिक अधिकारों का घोर उल्लंघन भी है। हमारी निम्नलिखित मांगे हैं-
1. सिंगरौली जिले में पावर प्लांट व कोयला खदान हेतु अडानी कंपनी को की गई भूमि आवंटन को तत्काल रद्द किया जाए।
2. स्थानीय ग्रामीण की सहमति के बगैर अवैधानिक रूपसे ग्रामसभा की सहमति के बिना जंगल कटाई जारी है। पुनः प्रभावित स्थानीय ग्रामीणो की ग्राम सभा विधिवत हो। बिना सरकार के दबाव के।
3. पाँचवीं अनुसूची के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों पर तत्काल मुकदमा दर्ज कर उन्हें निलंबित किया जाए।
4. पेसा कानून का कड़ाई से पालन किया जाए।
5. सिंगरौली क्षेत्र में जारी वनों की कटाई पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1996 एवं अन्य संबंधित कानूनों के
7. आदिवासी समुदाय के लोगों एवं ग्रामीणों पर दर्ज कर्जी मुकदमों को वापस लिया जाए। तहत आवश्यक कार्रवाई कर पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित किया जाए।
8. आदिवासी परिवारों के दमनल उत्पीडन एवं डराने धमकाने की कार्यवाही की अविलंब बंद किया जाए।
9. FRA कानून का कड़ाई से पालन हो। वन केवल आजीविका का खीत ही नहीं बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों की आस्था संस्कृति और अस्तित्व का आधार है।
10. ग्राम सभा की कार्यवाही राष्ट्रीय जनजातीय आयोग भारत सरकार व सत्ता पक्ष विपक्ष के पांच सदस्यीय जनप्रतिनिधि की कमेटी के निगरानी में बिना किसी दबाव व डर के प्रकिया को सम्पन्न किया जाए। कोल माइस से पीडितों परिवारों को सरकार द्वारा दि जाने वाली मुआवजे राशी देने की प्रक्रिया भी न्याययिक और उचित हो भेद-भाव पूर्ण न हो।
11. सिंगरौली बासी बैहदा की पुरे घटनाक्रम की सत्यता जाने के लिए पीडित आदिवासी परिवार जन से शांतिपूर्ण तरीके अध्यक्ष रामू टेकाम जी को भारी पुलिस बल लगाकर गिरफ्तार किया गया था तरीके से मुलाकात करने जा रहे मप्र आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश जो संवैधानिक रूप से अनुचित था हम जिला प्रशासन सिंगरौली और पुलिस की बर्बरतापूर्ण कार्यप्रणाली की निंदा करते। जो जनता की आवाज को दबाने की कोशिश करते है
इस ज्ञापन पत्र के माध्यम से मप्र आदिवासी कांग्रेस ने अनुरोध किया है कि कृपया उपर्युक्त मुद्दों पर तत्परता से ध्यान देकर आदिवासी समुदायों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करें।

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