
उद्यम क्षेत्र में हरियाणा की रोल मॉडल बने महिलाएं : डॉ रीटा शर्मा
: उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंची समाजसेवी डॉ रीटा शर्मा
: बीपीएस महिला विवि महिला उत्थान का महत्वपूर्ण केन्द्र
खानपुर कलां -12 दिसम्बर।भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय परिसर में इंटरप्रेनरशिप स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम योजना के तहत आयोजित उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पहुंची सहकारिता मंत्री डॉ अरविंद शर्मा की धर्मपत्नी एवं समाजसेवी डॉ रीटा शर्मा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश वर्ष 2047 तक विकसित भारत बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, इसमें महिला सशक्तिकरण की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। उन्होंने उद्यमी महिलाओं से आह्वान किया कि वो उद्यम क्षेत्र में हरियाणा की रोल मॉडल बनें। कार्यक्रम की अध्यक्षता महिला विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो सुदेश ने की। जबकि कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सोमनाथ सचदेवा ने प्रतिभागियों को सम्बोधित किया। विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने पर सभी अतिथियों ने भगत फूल सिंह जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते हुए उन्हें नारी शिक्षा का पुरोधा बताया। डॉ रीटा शर्मा ने कहा कि बीपीएस महिला विवि केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, अपितु नारी शक्ति उत्थान का केंद्र है। उन्होंने कहा कि ऐसे जागरूकता अभियान से महिलाओं को योजनाओं को समझने से लेकर उनका बखूबी लाभ उठाने में मदद मिलेगी। आज युवाओं को रोजगार पाने वाला नहीं, रोजगार उपलब्ध करवाने वाला और आर्थिक नेतृत्व बनना है। डॉ रीटा शर्मा ने कहा कि महिलाएं बेहतर घर प्रबंधन से लेकर कार्यस्थल पर प्रबंधन करने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि युवा अपना लक्ष्य निर्धारित करें और उसके अनुकूल समय निर्धारण करते हुए कड़ी मेहनत करें। आज सपने देखना और उन्हें हकीकत में बदलना महत्वपूर्ण है। डॉ रीटा शर्मा ने महिला विवि की कुलपति प्रोफेसर सुदेश से आग्रह किया कि ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए, जिससे केंद्र-प्रदेश की महिला आधारित योजनाओं की जानकारी दी जाए। उन्होंने महिलाओं से आह्वान किया कि वो अपनी शिक्षा, अपने आत्मविश्वास और मेहनत को आधार बनाकर काम करें, ताकि राष्ट्र निर्माण में उनका भरपूर योगदान रहे।
अपने संबोधन में प्रो सोमनाथ ने कहा कि आज कौशल विकास की जरूरत है और महिला विश्वविद्यालय में आयोजित यह कार्यक्रम छात्राओं के लिए बहुत ही लाभदायक रहेगा। आज हर फील्ड में बेटियां बेटों से बेहतर है। महिला सशक्तिकरण की जो मुहिम चलाई जा रही है उसके परिणाम आने शुरू हो गए है। आज चाहे बात किसानी की हो या चंद्रयान की महिलाओं की भागीदारी बराबरी की है। उन्होंने विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता पर बल दिया।उन्होंने कहा कि शिक्षा का अर्थ अपनी स्किल, व्यक्तित्व व चरित्र का निर्माण करना है। प्रो सोमनाथ ने बताया कि सरकारी नौकरी मात्र दो प्रतिशत है। छह प्रतिशत कॉरपोरेट में नौकरी है। पंद्रह प्रतिशत कॉन्ट्रैक्ट वर्कर है और पंद्रह से अठारह प्रतिशत कैज़ुअल वर्कर है। उन्होंने कहा साठ प्रतिशत लोग स्वरोजगार पर निर्भर है। और स्वरोजगार के लिए कौशल का विकास करना बहुत जरूरी है। माइक्रो ,स्माल एंड मध्यम इंटरप्रेनरशिप भारतीय जी डी पी की रीढ़ है। उन्होंने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि नौकरी मांगे नहीं नौकरी देने वाले बने। प्रो सोमनाथ ने बताया कि आज एम एस एम ई में बीस प्रतिशत ओनरशिप महिलाओं की है। काम कभी भी किसी भी उम्र में शुरू किया जा सकता है अपने काम के आप स्वयं राजा होते हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार युक्त करना हम सब की जिम्मेदारी है। ऐसे कार्यक्रम सामाजिक परिवर्तन के लिए काम करते है। जिसका प्रयास हर हाथ को काम होता है।
अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति ने कहा कि स्वरोजगार का कोई विकल्प नहीं है। हमारी विश्वविद्यालय की छात्राएं देश की भविष्य की उद्यमी और नेता हैं। ऐसे में एम एस एम ई से जुड़े कौशल, प्रशिक्षण, तकनीक और स्टार्टअप इकोसिस्टम की समझ प्रदान करना हमारा कर्तव्य भी है और हमारी प्राथमिकता भी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में एम एस एम ई विशेषज्ञों, सफल उद्यमियों, उद्योग प्रतिनिधियों और युवाओं के बीच संवाद, सहयोग और ज्ञान-विनिमय का एक उत्कृष्ट मंच उपलब्ध हो रहा है।आज दुनिया तेजी से बदल रही है। जहां बड़ी कंपनियां महत्वपूर्ण हैं, वहीं एम एस एम ई जैसे लचीले और नवाचारी सेक्टर ही वास्तविक परिवर्तन लाते हैं। कुलपति ने कहा कि नई सोच और नवाचार को अपनाएं, आत्मनिर्भरता और उद्यमिता को अपनी ताकत बनाये, टेक्नोलॉजी और डिजिटल स्किल्स से खुद को सशक्त करें,और चुनौतियों को अवसर में बदलने की कला सीखें। प्रो सुदेश ने कहा कि विश्वविद्यालय का प्रयास है कि हम कौशल विकास, उद्यमिता प्रोत्साहन, स्टार्टअप इनक्यूबेशन, वित्तीय साक्षरता और उद्योग–अकादमी सहयोग जैसे क्षेत्रों में और अधिक मजबूत पहल करें। विश्वविद्यालय स्वावलम्ब केंद्र के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में 20 से अधिक एम एस एम ई उधमियों ने प्रदर्शनी के माध्यम से छात्राओं को जागरूक करने का प्रयास किया। कार्यक्रम की रूपरेखा विश्वविद्यालय स्वावलम्ब केंद्र की निदेशक प्रो अंशु भारद्वाज ने रखी।इस अवसर पर महिला विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो शिवालिक यादव भी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन ;- 1 भगत फूल सिंह जी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करते समाजसेवी डॉ रीटा शर्मा ,कुलपति प्रो सोमनाथ व कुलपति प्रो सुदेश। 2 दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ करते डॉ रीटा शर्मा साथ में मौजूद कुलपति प्रो सोमनाथ व कुलपति प्रो सुदेश। 3. उधमियों द्वारा महिला विश्वविद्यालय परिसर में लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन करते समाजसेवी डॉ रीटा शर्मा ,कुलपति प्रो सोमनाथ व कुलपति प्रो सुदेश।