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लखनऊ में 13 साल बड़ी विधवा प्रेमिका ने इंजीनियर की हत्या क्यों की?

रत्ना और उसकी दो बेटियों की गिरफ्तारी, पुलिस के सामने खुली पूरी कहानी-

लखनऊ—8 दिसंबर 2025 की सुबह करीब 10 बजे पुलिस कंट्रोल रूम को एक कॉल मिली। फोन करने वाली महिला ने खुद कहा—
“मेरे घर में सूर्य प्रताप सिंह की लाश पड़ी है… हमने उसे मार डाला है।”

सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुँची तो तख्त पर बिछी चारपाई पर 33 वर्षीय सूर्य प्रताप सिंह की खून से लथपथ लाश देख दंग रह गई। घर के बाहर बने बरामदे में 46 वर्षीय रत्ना और उसकी दो बेटियाँ—18 और 14 वर्ष—सिर झुकाकर बैठी थीं। पुलिस ने तुरंत उन्हें हिरासत में लिया। फॉरेंसिक टीम ने साक्ष्य एकत्र किए और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।

कैसे शुरू हुई रत्ना और सूर्य प्रताप की नजदीकियाँ?

जांच में सामने आया कि सूर्य प्रताप सिंह एवरेडी कंपनी में एक्जीक्यूटिव इंजीनियर था। वर्ष 2012 में वह रत्ना की दोनों बेटियों को ट्यूशन पढ़ाने लगा।
रत्ना के पति राजेंद्र कुमार की 2014 में पीलिया से मौत हो गई थी। वे जनगणना विभाग में संविदा पर कार्यरत थे। पति के निधन के बाद पेंशन से ही रत्ना घर चलाती रही।

इसी दौरान ट्यूशन के बहाने सूर्य और रत्ना के बीच नजदीकियां बढ़ीं और दोनों के बीच प्रेम संबंध शुरू हो गया।
परिवारों ने इसका विरोध किया, लेकिन दोनों ने किसी की नहीं सुनी।
कुछ समय बाद सूर्य रत्ना और उसकी बेटियों के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहने लगा।

हत्या की रात क्या हुआ?

पुलिस के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से दोनों के बीच लगातार झगड़े हो रहे थे।
रविवार की रात भी विवाद चरम पर पहुँच गया।
झगड़े के बाद सूर्य प्रताप सो गया।
सुबह करीब 5 बजे रत्ना ने सोते समय उसकी हत्या कर दी।
पुलिस का कहना है कि इस वारदात में दोनों बेटियों की भी भूमिका सामने आई है।

इन्वेस्टिगेशन में सामने आईं हत्या की तीन संभावित वजहें

पुलिस की शुरुआती जांच में तीन प्रमुख कारण उभरकर आए—

1. बड़ी बेटी से दुर्व्यवहार का आरोप

रत्ना की बड़ी बेटी ने बताया कि सूर्य प्रताप उसकी तरफ गलत निगाह रखता था।
कई बार उसने उसे “बेड-टच” किया।
वह किसी लड़के से बात कर ले तो उस पर हावी हो जाता था।

2. तीनों पर अत्यधिक पाबंदियाँ

सूर्य प्रताप रत्ना और उसकी दोनों बेटियों पर सख्त नियंत्रण रखता था।
सोशल मीडिया तक इस्तेमाल नहीं करने देता था और हर बात पर ताने देता था।
घर में तनाव लगातार बढ़ रहा था।

3. संपत्ति का विवाद

रत्ना जिस घर में रहती थी, उसकी जमीन सूर्य प्रताप ने खरीदी थी,
जबकि मकान रत्ना को पति की मौत के बाद मिली राशि से बना था।
दोनों संपत्ति पर मालिकाना हक जताते थे—जिससे झगड़े बढ़ते गए।

हत्या के बाद की कार्रवाई

सूचना देने के बाद रत्ना ने वारदात की बात स्वीकार की।
पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है और दोनों बेटियाँ हिरासत में हैं।

मृतक सूर्य प्रताप सिंह देवरिया का रहने वाला था और पहले अपने परिवार के साथ लखनऊ में रहता था।

पुलिस अब सभी साक्ष्यों, फॉरेंसिक रिपोर्ट और बयान दर्ज कर हत्या में बेटियों की भूमिका की भी गहराई से जांच कर रही है।

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