
सारणी में ठगी का 'हाई-प्रोफाइल' पैंतरा: फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर सेवानिवृत्त कर्मचारी से लाखों के जेवर उड़ाए
सारणी। औद्योगिक नगरी सारणी में अपराधियों ने लूट और ठगी का एक नया और बेहद शातिर तरीका अपनाया है। खुद को सीबीआई (CBI) अधिकारी बताकर अज्ञात बदमाशों ने दिनदहाड़े एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को अपनी बातों के जाल में फंसाया और लाखों रुपये के सोने के जेवरात लेकर रफूचक्कर हो गए। घटना गुरुवार दोपहर की है, जिसने शहर की सुरक्षा व्यवस्था और नागरिकों की जागरूकता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
क्या है पूरा मामला?
घटना गुरुवार दोपहर लगभग 1:30 बजे की है। पीड़ित सेवानिवृत्त कर्मचारी प्रयागराव धोटे निवासी सपर– ई 528 सारणी किसी निजी कार्य से नगरपालिका चौक जा रहे थे। इस दौरान वे शॉपिंग सेंटर के पास अपने मित्र तुलसी का इंतजार करने के लिए रुके। तभी दो अज्ञात व्यक्ति उनके पास पहुंचे। उन्होंने खुद को सीबीआई अधिकारी बताते हुए रौबदार आवाज में किसी 'पूरन सिंह' का पता पूछा। बुजुर्ग ने जानकारी न होने की बात कही और अपने मित्र तुलसी के आने पर उनके साथ वहां से निकल गए।
लेकिन ठगों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा। जैसे ही बुजुर्ग अपने मित्र के साथ नए बस स्टैंड स्थित शिव मंदिर के पास पहुंचे, उन 'फर्जी अधिकारियों' ने उन्हें दोबारा रोक लिया।
डर दिखाया और हाथ की सफाई कर पत्थर थमा गए
बदमाशों ने बुजुर्ग को धमकाते हुए कहा, हमें देखकर क्यों भाग रहे थे"शहर में चोरियां बहुत बढ़ गई हैं, सुरक्षा को लेकर सख्ती है। आपने इतना सोना क्यों पहन रखा है? इसे उतारकर संभाल लीजिए।"
इसी दौरान नाटक को असली रूप देने के लिए दो अन्य व्यक्ति बाइक पर आए (जो संभवतः गिरोह का ही हिस्सा थे)। उन्होंने डरने का नाटक करते हुए अपने जेवर उतारे और उन फर्जी अधिकारियों को सौंप दिए। यह देख बुजुर्ग भी झांसे में आ गए। ठगों ने बुजुर्ग के गले से सोने की चेन और हाथ की अंगूठी उतरवाई। फिर बड़ी चालाकी से उसे एक कागज में लपेटा और रुमाल में बांधकर बुजुर्ग को वापस थमा दिया। जाते-जाते उन्होंने हिदायत दी, "इसे अभी मत पहनना, आगे खतरा है।"
ठगों के जाने के बाद, घबराए हुए बुजुर्ग अपने मित्र तुलसी के साथ थोड़ा आगे बढ़े। जब उन्होंने रुमाल खोलकर कागज की पुड़िया जांची, तो उनके होश उड़ गए। उसमें जेवर की जगह पत्थर और कंकड़ बंधे हुए थे।
ठगी का अहसास होते ही पीड़ित ने तत्काल सारणी थाने में शिकायत दर्ज कराई। सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में आई और घटनास्थल का मुआयना किया। पुलिस द्वारा आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले जा रहे हैं ताकि आरोपियों की पहचान की जा सके।
नागरिक सुरक्षा और जागरूकता
पार्षद एवं समाजसेवी किरण झरबड़े का कहना है कि इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि अब सतर्कता ही सुरक्षा है। शहर में फेरी लगाने वाले, किसी ट्रस्ट के नाम पर चंदा मांगने वाले, या झुंड में घूमकर आस्था के नाम पर भिक्षावृत्ति करने वाले लोगों की आमद बढ़ गई है। प्रशासन और जनता को अब सख्त कदम उठाने होंगे। शहर में बिना पुलिस एंट्री और सत्यापन के घूम रहे संदिग्धों, फेरीवालों और भिक्षावृत्ति करने वाले गिरोहों पर लगाम कसी जाए। बाहरी व्यक्तियों की थाने में एंट्री होना अति आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
आम नागरिकों के लिए आवश्यक निर्देश:
आईडी कार्ड मांगना आपका हक है: कोई भी अनजान व्यक्ति, चाहे वह पुलिस की वर्दी में हो या किसी संस्था का प्रतिनिधि बनकर आए, बिना हिचकिचाहट के उसका 'आईडी कार्ड' (ID Card) मांगें।
थाने का अनुमति पत्र: फेरी वाले या बाहर से आए अनजान लोगों से स्थानीय थाने का 'वेरिफिकेशन लेटर' या अनुमति पत्र मांगना हर नागरिक का अधिकार है।
सत्यापन है जरूरी: बिना पुलिस वेरिफिकेशन के किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ कोई भी जानकारी साझा न करें और न ही उन पर भरोसा करें।
संदेह होने पर 112 डायल करें: यदि कोई व्यक्ति आईडी दिखाने में आनाकानी करे या डराने की कोशिश करे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।