
*मंदिरों में विदेशी धर्म प्रचार पर तुरंत रोक लगे — महंत मनोज शर्मा ने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री व रक्षामंत्री को भेजा पत्र*
चंडीगढ़। विश्व हिंदू परिषद ,चंडीगढ़ (पंजाब प्रांत) के पूर्व सोशल मीडिया प्रभारी महंत मनोज शर्मा ने भारत के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को एक विस्तृत पत्र भेजकर मांग की है कि देशभर के सभी मंदिरों और हिंदू धार्मिक स्थलों में विदेशी धर्मों के प्रचार–प्रसार तथा कार्यक्रमों पर तत्काल रोक लगाई जाए।
महंत मनोज शर्मा ने कहा कि भारत के मंदिर हिंदू समाज की आस्था, परंपरा और संस्कृति के केंद्र हैं, और इन पवित्र स्थलों में विदेशी धर्मों के आयोजन करवाना न केवल अनुचित है बल्कि करोड़ों हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला कदम भी है।
उन्होंने अपने पत्र में विशेष रूप से शिव मानस मंदिर, फेज-2, औद्योगिक क्षेत्र, चंडीगढ़ में 25 दिसंबर 2024 को आयोजित क्रिसमस समारोह का उल्लेख किया, जिसमें विदेशी धर्म का प्रचार मंदिर परिसर के अंदर किया गया था।
शर्मा ने आरोप लगाया कि—
समारोह के दौरान आयोजकों ने तेज साउंड सिस्टम चलाकर मंदिर की शांतिपूर्ण धार्मिक व्यवस्था को बाधित किया।
आरती के समय भी साउंड बंद न कर हिंदू परंपराओं का अपमान किया गया।
जब हिंदू संगठन विरोध जताने पहुंचे, तो पुलिस ने पहले उन्हें ही रोक दिया।
बाद में पुलिस के हस्तक्षेप से ही साउंड बंद करवाया जा सका।
महंत मनोज शर्मा ने कहा कि यह घटना हिंदू समाज की भावनाओं को आहत करने वाली थी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए देशव्यापी निर्देश आवश्यक हैं।
उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि—
1. देश के किसी भी मंदिर या हिंदू धार्मिक स्थल में विदेशी धर्मों के कार्यक्रम या प्रचार की बुकिंग न हो।
2. अगर कोई संस्था या व्यक्ति ऐसा आयोजन करता पाया जाए, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
3. ऐसे धार्मिक स्थलों को किसी भी अनुचित प्रभाव या कब्ज़े से तुरंत मुक्त कराया जाए।
महंत मनोज शर्मा ने यह भी कहा कि दिसंबर महीना भारत में 'शोक और शौर्य' का समय है, जिसमें सिख गुरुओं एवं साहिबज़ादों के बलिदानों को याद किया जाता है। ऐसे समय में विदेशी धर्मों के प्रचार कार्यक्रम भारतीय संस्कृति की गरिमा के अनुरूप नहीं हैं।
अंत में उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि हिंदू धार्मिक स्थलों की पवित्रता, देश की एकता और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने के लिए इस मुद्दे पर तत्काल और मजबूत कदम उठाए जाएं।