
जनकपुर धाम
जनकपुर धाम, जिसे सीता भूमि भी कहा जाता है, मिथिला नगरी का वह पवित्र स्थान है जहाँ माता सीता का जन्म हुआ था और जहाँ भगवान श्रीराम और सीता का विवाह संपन्न हुआ। यह स्थान राजा जनक की राजधानी थी, और आज भी श्रद्धा, भक्ति और परंपराओं का केंद्र माना जाता है।
🌼 जनकपुर धाम की प्राचीन कथा
1. राजा जनक का राज्य – मिथिला
बहुत समय पहले मिथिला में महान और धर्मपरायण राजा जनक राज्य करते थे। राजा जनक अपनी न्यायप्रियता, विद्वता और सत्कर्मों के लिए प्रसिद्ध थे। उनकी नगरी में सुख, शांति और समृद्धि थी।
लेकिन राजा जनक के मन में एक अभिलाषा थी—
कश्मीर की तरह परिवार हो पर कोई बेटी नहीं थी।
🌼 2. सीता जी का जन्म – धरती से प्रकट होने का चमत्कार
एक बार राजा जनक स्वयं खेत में हल चला रहे थे। यह मिथिला की परंपरा थी कि राजा भी कृषि को सम्मान देते हैं।
हल चलाते समय अचानक धरती की मिट्टी फूटकर खुल गई, और वहाँ एक चमकती हुई कन्या प्रकट हुई। राजा और उनके साथ के लोग आश्चर्यचकित रह गए।
राजा जनक ने उस दिव्य बालिका को गोद में उठाया और अनुभव किया कि यह कोई साधारण बच्ची नहीं है। उन्होंने उस बच्ची का नाम रखा—
🌟 “सीता”
क्योंकि वह हल की झुक नोक (सीत) से मिली थीं और धरती से प्रकट हुई थीं।
लोग मानते हैं कि वह स्वयं मातृभूमि की संतान थीं।
🌼 3. सीता का लालन-पालन
सीता जी बचपन से ही अत्यंत तेजस्वी, सुशोभित और धर्मपरायण थीं। उनका स्वभाव इतना उदार और विनम्र था कि महल में सभी उनसे प्रेम करते थे।
राजा जनक अक्सर कहते—
“यह बच्ची मेरे जीवन का वरदान है।”
🌼 4. शिवधनुष और राम-सीता विवाह
एक बार राजा जनक के महल में शिवजी का विशाल धनुष रखा गया था, जिसे कोई भी उठा नहीं सकता था।
सीता जी बचपन में खेलते-खेलते उस धनुष को आसानी से उठा ले गईं। इससे जनक को आभास हुआ कि यह कन्या अवश्य ही किसी महान पुरुष की जीवनसंगिनी बनेगी।
उन्होंने सीता के स्वयंवर की घोषणा की—
जो शिवधनुष को तोड़ेगा, वही सीता से विवाह कर सकेगा।
अयोध्या के राजकुमार श्रीराम स्वयंवर में आए और सहज ही धनुष को उठाकर तोड़ दिया।
धरती गूँज उठी—
"जय श्रीराम!"
और फिर हुआ—
राम–सीता का दिव्य विवाह,
जो आज भी जनकपुर धाम का सबसे पवित्र उत्सव माना जाता है।
🌼 5. जनकपुर धाम आज
आज भी जनकपुर धाम में—
जनक मंदिर,
जानकी मंदिर,
विवाह मंडप,
गंगा सागर तालाब,
और कई प्राचीन स्थल
लोगों को राम–सीता के पवित्र जीवन की याद दिलाते हैं।
यह स्थान प्रेम, श्रद्धा, नैतिकता और भक्ति का प्रतीक है।
🌼 कहानी का संदेश
धरती महान चमत्कारों की जननी है।
सच्चा धर्म हमेशा विनम्रता और सत्य में होता है।