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जनसहभागिता से रचा इतिहास: सिद्धार्थनगर में गौ विज्ञान अनुसंधान केंद्र और पंचगव्य चिकित्सालय का भव्य उद्घाटन

सिद्धार्थनगर। जनपद सिद्धार्थनगर के बढ़नी विकासखंड के ग्राम अहिरौला में शनिवार को गौ विज्ञान अनुसंधान केंद्र एवं पंचगव्य चिकित्सालय का भव्य उद्घाटन ऐतिहासिक जनसहभागिता के साथ संपन्न हुआ। उद्घाटन समारोह में अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष श्यामसुंदर चौधरी और उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग अध्यक्ष एवं राज्य मंत्री श्याम बिहारी गुप्ता के प्रतिनिधि गव्यसिद्ध डॉ. गौरव गुप्ता ने संयुक्त रूप से फीता काटकर केंद्र की शुरुआत की।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के कई जिलों से आए 1000 से अधिक किसान, गौपालक, वैज्ञानिक, कृषि विशेषज्ञ, छात्र-छात्राएं, सामाजिक संगठन तथा महिलाएं बड़ी संख्या में उपस्थित रहीं। यह पहला अवसर रहा जब जिले में गौ आधारित अनुसंधान, पंचगव्य चिकित्सा, प्राकृतिक खेती प्रशिक्षण और गौ-उत्पाद आधारित उद्योग को एक ही मंच पर इतने व्यापक स्वरूप में प्रस्तुत किया गया। उपस्थित जनसमूह ने यह संदेश स्पष्ट कर दिया कि गौ सेवा और स्वदेशी कृषि किसी दल की नहीं बल्कि जनहित और राष्ट्रहित की परंपरा है।

आयोजन समिति की ओर से यह संदेश दिया गया कि गौ सेवा और प्राकृतिक खेती राजनीति से परे विषय हैं। जो लोग किसी कारणवश उपस्थित नहीं हो सके, उनसे कोई शिकायत नहीं, क्योंकि सेवा ही वास्तविक राजनीति है और जनता का विश्वास ही सबसे बड़ी प्रेरणा है।

कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने अपने विचार और अनुभव साझा किए। झांसी से आए लल्ला अवधेश ने पंचगव्य चिकित्सा के वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक आधार पर विस्तार से जानकारी दी। लखीमपुर खीरी से पहुंचे गव्यसिद्ध डॉ. गौरव गुप्ता ने गौशाला प्रबंधन, गौ-आधारित स्वावलंबी उद्योग और किसानों की आर्थिक उन्नति पर प्रकाश डाला। भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा (गोरखपुर) के क्षेत्रीय अध्यक्ष शिवनाथ चौधरी ने गौ आधारित कृषि को आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला बताया। अपना दल (एस) के जिलाध्यक्ष और राष्ट्रीय लोकदल के जिलाध्यक्ष ने भी इस पहल को भविष्यमुखी और समाज हितकारी बताया।

सोहना विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. प्रवेश कुमार ने शोध आधारित तथ्यों को प्रस्तुत किया। कृषि विभाग के राम सेवक ने सरकारी योजनाओं की उपयोगिता समझाई। पशुपालन विभाग के डॉ. राकेश कुमार और ग्रामोद्योग अधिकारी तुशेंद्र मिश्रा ने पशु स्वास्थ्य, संरक्षण और गौ आधारित रोजगार योजनाओं की जानकारी दी। सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने इस पहल की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणादायक बताया।

कार्यक्रम में महिलाओं और युवाओं की भागीदारी उल्लेखनीय रही। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की महिलाओं को जैविक खेती और गौ-आधारित उत्पाद निर्माण का प्रशिक्षण दिया गया। लगभग 350 छात्र-छात्राएं, 50 से अधिक गौपालक, वरिष्ठ किसान, सामाजिक संस्था प्रतिनिधि और युवा पत्रकारों की मौजूदगी कार्यक्रम की सफलता और सामाजिक चेतना का संदेश दे रही थी। गायत्री परिवार, जय गुरुदेव परिवार और अन्य स्थानीय सामाजिक संगठनों का सहयोग विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा।

कार्यक्रम में भाजपा पकड़ी मंडल, भाजपा युवा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष, पत्रकार, संपादक, अध्यापक, पूर्व अधिकारी एवं हजारों ग्रामीण उपस्थित रहे। कार्यक्रम की सफलता में सबल संस्थान के सचिव दीनानाथ की भूमिका महत्वपूर्ण रही, जिसके लिए आयोजकों ने उनका विशेष आभार व्यक्त किया।

गौ विज्ञान अनुसंधान केंद्र एवं पंचगव्य चिकित्सालय के संस्थापक, प्रधानाचार्य एवं गव्यसिद्ध डॉ. सुनील के. सी. ने सभी अतिथियों, किसानों, वैज्ञानिकों, विभागीय अधिकारियों, पत्रकारों और स्वयंसेवकों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भविष्य में ग्राम स्तर पर भी ऐसे आयोजन किए जाएंगे, ताकि प्राकृतिक खेती और पंचगव्य चिकित्सा का लाभ अंतिम किसान तक पहुंच सके।

कार्यक्रम शांतिपूर्ण, अनुशासित और प्रेरक वातावरण में संपन्न हुआ और गौ सेवा व स्वदेशी विज्ञान के क्षेत्र में यह आयोजन सिद्धार्थनगर जिले के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ।

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1 comment  
  • Jai Prakash Tripathi

    जय गौ माता