
"महिला प्रधानों की जगह पति की भागीदारी पर सख्त रोक, जिला पंचायत राज अधिकारी जीतेन्द्र कुमार ने जारी किया आदेश"
पौड़ी गढ़वाल।
जिला पंचायत राज अधिकारी, पौड़ी गढ़वाल की ओर से आज एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया गया है, जिसमें महिला प्रधानों की जगह उनके पति या अन्य किसी भी व्यक्ति द्वारा बैठकों में प्रतिनिधित्व करने पर कड़ी रोक लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यह आदेश पंचायतों में लंबे समय से चली आ रही प्रॉक्सी प्रतिनिधित्व की समस्या को ध्यान में रखते हुए जारी किया गया है।
कार्यालय में यह संज्ञान में आया कि विभिन्न ग्राम सभाओं और ग्राम पंचायतों में निर्वाचित महिला प्रधानों की जगह उनके पति अथवा नज़दीकी परिजन बैठकों में प्रतिनिधि बनकर शामिल हो रहे हैं, और कार्यों को संचालित कर रहे हैं। यह प्रथा न केवल नियमों के विपरीत है, बल्कि महिलाओं की संवैधानिक सहभागिता के अधिकार को भी प्रभावित करती है।
पंचायती राज अधिनियम 2016 (यथासंशोधित) की धारा 8 (क) के अनुसार—
यदि किसी महिला प्रधान, उपप्रधान या अन्य सदस्य के स्थान पर उसका पति या अन्य रिश्तेदार ग्राम सभा व ग्राम पंचायत की बैठकों की अध्यक्षता या कार्यों का संचालन करता है, तो यह पूर्णतया अवैध माना जाएगा।
इस स्थिति में:
ऐसे व्यक्ति को अयोग्य घोषित किया जा सकता है।
भविष्य में तीन स्तरीय पंचायतों के सामान्य चुनाव लड़ने से भी वंचित किया जा सकता है।
पंचायत राज अधिकारी ने दिए स्पष्ट निर्देश
अधिकारियों को निर्देशित करते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी जितेंद्र कुमार ने कहा है कि—
> कोई भी बैठक, वार्षिक कार्ययोजना या पंचायत संबंधी कार्य निर्वाचित महिला प्रतिनिधि की सीधी उपस्थिति में ही संचालित किए जाएँ।
उन्होंने यह भी कहा कि महिला प्रधानों के स्थान पर उनके पति या निकट सम्बंधियों द्वारा किसी भी प्रकार का प्रतिनिधित्व पूर्णतः प्रतिबंधित है, और ऐसा पाए जाने पर तत्काल आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।
उत्तराखंड के कई ग्रामीण क्षेत्रों में महिला सशक्तिकरण और राजनीतिक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए बड़ी संख्या में महिलाओं को पंचायतों में आरक्षण दिया गया है।
लेकिन जमीनी स्तर पर कई स्थानों पर पुरुष परिजन ही सभी निर्णय लेने लगते हैं, जिससे:
महिलाओं का नेतृत्व दब जाता है
पंचायत व्यवस्था की पारदर्शिता प्रभावित होती है
कानून का उल्लंघन होता है
जारी आदेश इस प्रथा पर रोक लगाकर महिला नेतृत्व को मजबूती देने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
निर्देश की प्रतिलिपि निम्न अधिकारियों को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी गई है—
1. समस्त ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, पौड़ी
2. समस्त ब्लॉक विकास अधिकारी, पौड़ी
3. मुख्य विकास अधिकारी, पौड़ी
4. जिलाधिकारी कार्यालय, पौड़ी
जिला प्रशासन का यह फैसला पंचायती राज में पारदर्शिता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने वाला कदम है। आदेश के पालन से पंचायतों में वास्तविक जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित होगी और लोकतांत्रिक व्यवस्था मजबूत होगी।