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नासिक से अजमेर के बीच सीधी ट्रेन की मांग तेज, यात्रियों ने हफ्ते में दो दिन सेवा शुरू करने की अपील

नासिक: संवादाता.. मो जावेद शेख

नासिक से अजमेर के लिए सीधी ट्रेन की मांग लंबे समय से उठ रही है और अब यह मुद्दा स्थानीय लोगों के बीच फिर से चर्चा में है। नासिक के यात्रियों, व्यापारियों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि उत्तर भारत, खासकर राजस्थान जाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन सीधे रेलमार्ग की सुविधा न होने से सभी को भारी परेशानी उठानी पड़ती है।

नासिक से अजमेर, जयपुर, कोटा और आसपास के इलाकों में काम, व्यापार, शिक्षा और धार्मिक यात्राओं के लिए बड़ी संख्या में लोग जाते हैं। अजमेर शरीफ दरगाह में हर हफ्ते सैकड़ों लोग नासिक और आसपास के क्षेत्रों से पहुंचते हैं। सीधी ट्रेन न होने से यात्रियों को या तो मुंबई होकर जाना पड़ता है या फिर कई घंटे अतिरिक्त सफर करना पड़ता है।
लोगों का कहना है कि अगर नासिक–अजमेर ट्रेन शुरू हो जाती है, तो सफर 5 से 6 घंटे कम हो सकता है।

स्थानीय नागरिक लंबे समय से रेल प्रशासन से आग्रह कर रहे हैं कि इस रूट पर कम से कम हफ्ते में दो दिन ट्रेन चलाई जाए। उनका मानना है कि शुरुआत में सप्ताह में दो दिन की ट्रेन से रूट की जरूरत का अंदाजा भी लगेगा और यात्रियों को राहत भी मिलेगी।
कई प्रतिनिधिमंडल पहले भी केंद्रीय रेल मंत्रालय और उत्तर रेलवे के सामने यह मांग रख चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई मंजूरी नहीं मिली।

नासिक के अंगूर, प्याज और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद बड़े पैमाने पर राजस्थान भेजे जाते हैं। अभी माल भेजने में समय और लागत दोनों ज्यादा लगते हैं। व्यापारी मानते हैं कि सीधी ट्रेन से न केवल यात्री बल्कि व्यापार भी फायदेमंद होगा। तेज और सस्ती कनेक्टिविटी बाजार को और मजबूत करेगी।

सामाजिक संगठनों ने कहा है कि नासिक लगातार बढ़ रहा शहर है, जहां से पुणे, मुंबई और उत्तर भारत के बीच यात्री संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है। ऐसे में सीधे रेल संपर्क का विस्तार जरूरी है।
लोगों ने रेलवे को याद दिलाया कि यह मांग कई साल से लंबित है और अब इसे गंभीरता से लेते हुए जल्द फैसले की जरूरत है।

राईट हेडलाईन्स ब्युरो

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