
सेरोंबगड़ गाँव में गुलदार का हमला: महिला की मौत, क्षेत्र में दहशत; वन विभाग ने घटना की पुष्टि की
लैंसडौन (पौड़ी गढ़वाल): कालागढ़ टाइगर रिज़र्व की परिक्षेत्र सीमा से लगे सेरोंबगड़ (शेरोबगड़) गाँव में दर्दनाक घटना हुई, जहाँ जंगल में घास काटने गई एक महिला पर गुलदार ने हमला कर दिया। इस हमले में महिला की मौत हो गई। घटना की वन विभाग एवं स्थानीय प्रशासन द्वारा पुष्टि की जा चुकी है। इसके बाद से पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, महिला अन्य महिलाओं के साथ जंगल की ओर घास काटने गई थी। इसी दौरान झाड़ियों में छिपे गुलदार ने महिला पर अचानक हमला कर दिया। साथ मौजूद महिलाओं ने शोर मचाते हुए मदद के लिए पुकारा, लेकिन तब तक चोटें गंभीर हो चुकी थीं।
ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा।
वन विभाग ने घटना की पुष्टि की
कालागढ़ टाइगर रिज़र्व प्रशासन और लैंसडौन वन प्रभाग की टीमों ने मौके का निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बताया कि—
घटनास्थल पर संघर्ष के चिन्ह मिले
पंजों व खरोंचों के निशान गुलदार के होने की पुष्टि करते हैं
आसपास कैमरा ट्रैप लगाने के निर्देश दिए गए हैं
आदमखोर व्यवहार की पुष्टि होने पर पकड़ने या ट्रैंक्विलाइज़ करने की कार्रवाई की जाएगी
घटना के बाद पूरे सेरोंबगड़ गाँव सहित आसपास के ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से मांग की है—
गाँव के आसपास के क्षेत्रों में नियमित गश्त बढ़ाई जाए
पहले हुए हमलों का रिकॉर्ड सामने लाया जाए
मानव-वन्यजीव संघर्ष कम करने के लिए सुरक्षा उपाय किए जाएँ
मृतक परिवार को तुरंत आर्थिक सहायता दी जाए
लैंसडौन, द्वारीखाल, जयहरीखाल और आसपास के क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों में मानव-वन्यजीव संघर्ष के मामले बढ़े हैं। कालागढ़ टाइगर रिज़र्व वन्यजीवों की संख्या बढ़ने से कई बार बाघ और गुलदार भोजन की खोज में मानव बस्तियों की ओर आ जाते हैं।
वन्य विशेषज्ञों के अनुसार:
जंगलों में शिकार की कमी
बढ़ता मानव हस्तक्षेप
खेतों और घरों के पास झाड़ियों का फैलाव
इन कारणों से हमलों की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि—
अकेले जंगल न जाएँ
घास काटने के समय समूह में रहें
बच्चों और बुजुर्गों को जंगल के पास न जाने दें
किसी भी आंदोलन या वन्यजीव के साक्ष्य को तुरंत वन विभाग को सूचित करें