
🤝 मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाहजी और उपभोक्ता संघ की महत्वपूर्ण भेंट: उपभोक्ता अधिकारों के विस्तार पर मंथन
मध्य प्रदेश के मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह (सामाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण, उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण) और अखिल भारतीय उपभोक्ता कांग्रेस संघ के मध्य प्रदेश प्रभारी संदीप उपाध्याय के बीच हुई यह औपचारिक मुलाकात राज्य में उपभोक्ता हितों की सुरक्षा और जागरूकता के प्रति सरकार और एक सामाजिक संगठन के सहयोगात्मक संकल्प को दर्शाती है।
🗣️ चर्चा के पाँच प्रमुख बिन्दु और भावी रणनीति
इस विस्तृत चर्चा में उपभोक्ता अधिकारों को जमीनी स्तर तक पहुँचाने के लिए पाँच महत्वपूर्ण पहलुओं पर जोर दिया गया:
1. व्यापक उपभोक्ता जागरूकता अभियान 📢
* लक्ष्य: राज्य-व्यापी अभियान के माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके 6 मूलभूत अधिकारों (सुरक्षा, सूचित करने, चुनने, सुनवाई का, निवारण का और शिक्षा का अधिकार) के प्रति सशक्त करना।
* रणनीति: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में संघ के जमीनी नेटवर्क और विभागीय संसाधनों के समन्वय से जागरूकता फैलाना।
2. शिकायत निवारण तंत्र की सुदृढ़ीकरण ⚖️
* सुधार: उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों (जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर) की कार्यप्रणाली को अधिक सुगम, तीव्र और पारदर्शी बनाना।
* क्रियान्वयन: शिकायतों के लंबित मामलों को कम करना और राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (1915) को और अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करने पर बल दिया गया।
3. खाद्य प्रसंस्करण और सुरक्षा पर विशेष ध्यान 🍎
* महत्व: मंत्री के खाद्य प्रसंस्करण विभाग का प्रभार संभालने के कारण, खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर विशेष चर्चा हुई।
* मानक: मिलावट रोकने, वस्तुओं पर ISI, AGMARK जैसे मानक चिन्हों के उपयोग को बढ़ावा देने, और FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) के कड़े मानदंडों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने पर विचार-विमर्श हुआ।
4. भ्रामक विज्ञापनों पर सख्त नियंत्रण 🛑
* संरक्षण: भ्रामक विज्ञापनों (Misleading Ads) से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए कड़े कदम उठाने पर सहमति।
* कार्यान्वयन: ASCI (Advertising Standards Council of India) के दिशा-निर्देशों को राज्य में प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर, ताकि उपभोक्ता सही जानकारी के आधार पर निर्णय ले सकें।
5. डिजिटल लेन-देन और ऑनलाइन सुरक्षा 🌐
* चुनौती: ऑनलाइन खरीदारी और डिजिटल लेनदेन के बढ़ते चलन के बीच उपभोक्ताओं को धोखाधड़ी से बचाना।
* समाधान: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के प्रावधानों के तहत ऑनलाइन विवादों के त्वरित निपटारे के लिए नए एवं आधुनिक तंत्र पर विचार-विमर्श हुआ।
🎯 संभावित परिणाम और महत्व: सशक्त उपभोक्ता, सशक्त बाजार
यह भेंट यह स्थापित करती है कि उपभोक्ता अब केवल खरीदार नहीं हैं, बल्कि उनके पास बाजार में अपनी बात कहने और न्याय प्राप्त करने का पूरा अधिकार है।
सामाजिक संगठन का जमीनी अनुभव और मंत्री का प्रशासनिक समर्थन मिलकर राज्य में उपभोक्ता संरक्षण के प्रयासों को नई गति और विश्वसनीयता प्रदान कर सकता है, जिससे सशक्त उपभोक्ता संस्कृति का निर्माण होगा।