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पोर्टल’ के छह दिनों से बंद रहने पर सवाल, शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने जताई नाराज़गी

लखनऊ। देश में जहाँ 140 करोड़ की आबादी को सेवाएँ देने वाले बड़े सरकारी पोर्टल—जैसे कि SIR पोर्टल—सामान्य रूप से कार्यरत हैं, वहीं वक्फ़ संपत्तियों के डिजिटलीकरण और रजिस्ट्रेशन के लिए बनाए गए ‘उम्मीद पोर्टल’ के लगातार छह दिनों से डाउन रहने ने गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

वक्फ़ संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन के लिए यह पोर्टल बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके माध्यम से देशभर की वक्फ़ प्रॉपर्टीज़ का डेटा सुरक्षित, पारदर्शी और आधिकारिक तौर पर दर्ज किया जाता है। ऐसे में पोर्टल का लंबी अवधि तक अनुपलब्ध रहना वक्फ़ बोर्डों की कार्यवाही को धीमा कर रहा है और समयसीमा पर असर डाल रहा है।

इसी मुद्दे पर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए आरोप लगाया कि पोर्टल का लगातार बंद रहना केवल तकनीकी खराबी नहीं, बल्कि “जानबूझकर बनाई गई स्थिति” है।

उन्होंने दावा किया कि जिस तरह देश के अन्य बड़े पोर्टल सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं, उसी प्रकार वक्फ़ संपत्तियों के लिए बने पोर्टल को भी बिना रुकावट चलना चाहिए। मौलाना जवाद के अनुसार, पोर्टल बंद रहने से वक्फ़ प्रॉपर्टीज़ के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया बाधित हो रही है, जिससे समुदाय की महत्वपूर्ण संपत्तियों की सुरक्षा और रिकॉर्ड पर असर पड़ सकता है।

उन्होंने सरकार और संबंधित विभागों से इस मामले की तत्काल जाँच और पोर्टल को स्थायी रूप से चालू रखने की मांग की।
धर्मगुरु ने आगे कहा कि वक्फ़ संपत्तियाँ मुस्लिम समाज की ऐतिहासिक धरोहर हैं, और इनके डिजिटलीकरण में किसी भी प्रकार की देरी समुदाय के हितों के खिलाफ है।

फिलहाल, उम्मीद पोर्टल कब तक सुचारू रूप से काम करेगा, इस पर विभाग की ओर से कोई स्पष्ट सूचना जारी नहीं की गई है।
मामले ने सोशल मीडिया पर भी ध्यान आकर्षित किया है, जहाँ लोग पारदर्शिता और जवाबदेही की माँग कर रहे हैं।

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