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हृदय को मजबूत, रक्तचाप नियंत्रित, पाचन, इम्युनिटी बढ़ाता है अर्जुन की छाल

यूं तो भारत को आयुर्वेद का देश कहा जाता है, लेकिन भागम भाग भरी जिंदगी में हमें एलोपैथिक की लत लग गई है हम वो भी पीछे छोड़ देते हैं जो हमें निःशुल्क मिलता है और सेहत के लिए फायदेमंद हैं ।
अर्जुन जिसका वैज्ञानिक नाम टर्मिनेलिया अर्जुन है। यह वृक्ष भारत में होने वाला एक औषधीय वृक्ष है। इसे घवल, ककुभ तथा नदीसर्ज (नदी नालों के किनारे होने के कारण) भी कहते हैं। कहुआ तथा सादड़ी नाम से बोलचाल की भाषा में प्रख्यात यह वृक्ष एक बड़ा सदाहरित पेड़ है। लगभग 60 से 80 फीट ऊँचा होता है तथा हिमालय की तराई, शुष्क पहाड़ी क्षेत्रों में नालों के किनारे तथा बिहार, मध्य प्रदेश में काफी पाया जाता है।
आज हम बात करेंगे अर्जुन की छाल की जिसके अनेक फायदे हैं आप अर्जुन की छाल को सुखाकर उसका पाउडर उपयोग कर सकते हैं या फिर ताजा भी उपयोग कर सकते हैं। चुकीं ताजे के लिए बार बार आपको पेड़ के पास जाना पड़ेगा जो कठिन काम है।

अर्जुन की छाल की तासीर कैसी होती है?

अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी मानी जाती है, जो शरीर की गर्मी और सूजन को कम करती है। यह शरीर को शांत, और रिलैक्स रखने में मदद करती है।

अर्जुन की छाल के फायदे क्‍या हैं?
अर्जुन की छाल हार्ट को मजबूत बनाती है, ब्लड प्रेशर को संतुलित रखती है, कोलेस्‍ट्राल कंट्रोल करती है, पाचन सुधारती है, इम्यूनिटी बढ़ाती है और सूजन को घटाती है। हाई बीपी सुधारने के ल‍िए भी अर्जुन की छाल का पानी फायदेमंद माना जाता है। यही नहीं, अर्जुन की छाल के फायदे शारीर‍िक ही नहीं बल्‍क‍ि मानस‍िक स्‍वास्‍थ्‍य के ल‍िए भी है। मन को शांत रखने के ल‍िए डाइट में अर्जुन की छाल के पानी को शाम‍िल कर सकते हैं।

अर्जुन की छाल का सेवन क‍िसे नहीं करना चाहिए?
लो बीपी मरीज, गर्भवती महिलाओं, ब्रेस्टफीडिंग मांओं, हार्ट या बीपी की दवा ले रहे मरीजों को अर्जुन की छाल का सेवन बिना डॉक्टर सलाह के नहीं करना चाहिए।

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