जीव हत्या तो पशु पक्षी भी बर्दाश्त नहीं करते जानवर से गया गुजरा तो है मांसाहारी इंसान
चंडीगढ़ 01 दिसंबर 2025 आरके विक्रमा शर्मा अनिल शारदा हरीश शर्मा अश्वनी शर्मा प्रस्तुति --- सही मायने में इंसान अपने सत्कर्मों से अच्छा और अपने बुरे कर्मों से बुरा बनता है लेकिन समाज में जानवर वनस्पति पेड़ पौधे पंछी नदिया नाल भी हमें बहुत कुछ जीवन जीने की कला सिखाते हैं जानवर कभी भी जानवर की हत्या का पक्षधर नहीं रहा है यह हजारों लाखों सालों से शास्त्रों में ग में भी उल्लेखित है सिर्फ इंसान ही इंसान का या जानवरों का मांस खाता है एक बड़ी सच्ची और विचित्र कहावत है कि कुत्ता कुत्ते का मांस नहीं खाता है इससे बड़ी सबक देने वाली और क्या बात हो सकती है किसी भी जीव की हत्या निंदनीय है इसलिए लाखों सालों से अहिंसा वादी का संदेश उपदेश जन कल्याण हेतु ऋषियों मुनियों तपस्वियों ने दिए हैं।।।