
*स्थानीय नवोदित कलाकारों को मंच प्रदान करता है महोत्सव*
विधायक रमेश सिंह की पहल से क्षेत्र में बढ़ रहा सांस्कृतिक उत्साह
*स्थानीय नवोदित कलाकारों को मंच प्रदान करता है महोत्सव*
*विधायक रमेश सिंह की पहल से क्षेत्र में बढ़ रहा सांस्कृतिक उत्साह*
शाहगंज/जौनपुर।
आज के दौर में जब समाज तेजी से बदल रहा है, ऐसे में स्थानीय स्तर पर आयोजित होने वाले सांस्कृतिक महोत्सव केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास के एक मजबूत माध्यम के रूप में उभर रहे हैं। क्षेत्र के लोकप्रिय एवं ऊर्जावान विधायक रमेश सिंह द्वारा लगातार प्रोत्साहित और संरक्षित किए जा रहे स्थानीय महोत्सव इसी परिवर्तन के सशक्त उदाहरण बन चुके हैं।
सरकारी योजनाओं की जानकारी का सशक्त माध्यम
महोत्सव के दौरान विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा योजनाओं के स्टॉल लगाए जाते हैं, जहाँ आमजन को उन योजनाओं की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई जाती है जिनसे वे अब तक अनभिज्ञ रहते थे। विधायक रमेश सिंह के निर्देश पर लगाए गए इन स्टॉलों के जरिए गरीब, किसान, महिला, वृद्ध और युवा वर्ग तक विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभ पहुँचाए जा रहे हैं।
लोगों ने माना कि महोत्सव के माध्यम से उन्हें पहली बार कई ऐसी योजनाओं की जानकारी मिली जो उनके जीवन में परिवर्तन ला सकती हैं।
सामूहिक विवाह में दिखती है सामाजिक समरसता
महोत्सव का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण सरकारी स्तर पर आयोजित सामूहिक विवाह समारोह होता है, जिसमें आर्थिक रूप से कमजोर परिवार अपने पुत्र-पुत्री का विवाह ससम्मान कराते हैं। विधायक रमेश सिंह ने स्वयं इस कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि “सामूहिक विवाह न केवल सामाजिक समरसता को बढ़ाता है, बल्कि आर्थिक बोझ से जूझ रहे परिवारों के लिए यह एक वरदान है।”
इस कार्यक्रम में किसी भी प्रकार का जातिगत या सामाजिक भेदभाव नहीं किया जाता—हर वर्ग, हर समुदाय के लोग पंजीकरण करवाकर सहभागी बन सकते हैं। इस पहल ने समाज में भाईचारे, समानता और सहयोग की भावना को नई दिशा दी है।
स्थानीय कलाकारों को मिल रहा हुनर दिखाने का मंच
स्थानीय महोत्सवों का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि ये नवोदित और उभरते कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सशक्त मंच प्रदान करते हैं। संगीत, नृत्य, नाटक, लोककला और विभिन्न सांस्कृतिक विधाओं से जुड़े युवा कलाकारों ने मंच पाकर अपनी पहचान बनाई।
विधायक रमेश सिंह ने स्पष्ट कहा कि “यदि स्थानीय कलाकारों को सही अवसर और मंच मिले, तो वे राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी अलग पहचान बना सकते हैं। हमारी सांस्कृतिक विरासत इन्हीं कलाकारों से जीवंत है।”
युवा कलाकारों ने भी बताया कि बड़े आयोजनों में अवसर न मिलने के कारण उनकी प्रतिभा सीमित रह जाती थी, लेकिन इस महोत्सव ने उन्हें नई ऊर्जा और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी है।
महोत्सव बन रहा सामाजिक प्रगति का सेतु
स्थानीय महोत्सव अब केवल मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि सामाजिक upliftment का माध्यम बन चुके हैं।
जहाँ एक ओर सरकार की योजनाएँ ज़मीनी स्तर तक पहुँच रही हैं,
वहीं दूसरी ओर गरीब परिवारों को विवाह जैसे बड़े आयोजनों में आर्थिक मदद मिल रही है,
साथ ही युवा कलाकारों को एक नई दिशा और पहचान भी मिल रही है।
विधायक रमेश सिंह ने कहा कि ऐसे महोत्सव समाज को एकजुट करते हैं, स्थानीय पहचान को मजबूत बनाते हैं और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देते हैं।
एक प्रकार से देखा जाए तो यह महोत्सव सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास की वह मजबूत कड़ी बन चुका है जो समाज में एकता, जागरूकता और प्रगति का संदेश देता है।