
*सावनेर का रण: प्रभाग क्र. 1 में 'बदलाव' की महालहर, बाहरी और निष्क्रिय नेतृत्व को नकार जनता ने थामा यामिनी आशीष मंडपे का हाथ**
प्रतिनिधी:सूर्यकांत तळखंडे
सावनेर नगर परिषद चुनाव का बिगुल बजते ही शहर का राजनीतिक पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया है, लेकिन सबसे दिलचस्प मुकाबला प्रभाग क्रमांक 1 (ब) में देखने को मिल रहा है। यहाँ की चुनावी हवा अब पूरी तरह से बदल चुकी है और जनता ने पारंपरिक राजनीति से हटकर इस बार निर्णायक 'बदलाव' का मन बना लिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की युवा और शिक्षित उम्मीदवार यामिनी आशीष मंडपे के समर्थन में उमड़ता जनसैलाब इस बात का स्पष्ट संकेत दे रहा है कि मतदाता अब खोखले वादों नहीं, बल्कि ठोस इरादों को चुनने जा रहे हैं। प्रभाग के हर गली-मोहल्ले में यामिनी मंडपे की चर्चा है और उन्हें मिल रहा भारी समर्थन विरोधियों की नींद उड़ाने के लिए काफी है।
इस एकतरफा होते मुकाबले के पीछे कई बड़े और ठोस कारण माने जा रहे हैं। दरअसल, प्रभाग की जनता अन्य उम्मीदवारों की कमजोरियों और उनके पिछले रिकॉर्ड का गहराई से विश्लेषण कर रही है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट ने यहाँ से जिसे अपना प्रत्याशी बनाया है, वे वयोवृद्ध हैं। मतदाताओं का स्पष्ट मानना है कि आज के दौर में वार्ड की समस्याओं को सुलझाने के लिए जिस ऊर्जा, भागदौड़ और युवा जोश की दरकार है, वह बढ़ती उम्र के कारण उनमें दिखाई देना संभव नहीं है। वहीं दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी की स्थिति भी कमजोर दिखाई दे रही है। भाजपा ने सर्वसाधारण प्रवर्ग से एक ऐसे उम्मीदवार को मैदान में उतारा है, जिसे स्थानीय जनता 'बाहरी' मान रही है। प्रभाग के नागरिकों का कहना है कि जिस व्यक्ति का इस क्षेत्र से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है और जिसे यहाँ की गलियों की पहचान तक नहीं है, वह भला यहाँ के निवासियों का दर्द कैसे समझेगा।
इसके अतिरिक्त, सत्ताधारी आघाड़ी के प्रति भी जनता में जबरदस्त आक्रोश है। जो प्रतिनिधि अब तक सत्ता में थे, उन पर आरोप है कि उन्होंने विकास के नाम पर जनता को सिर्फ ठगा है। लोगों का कहना है कि प्रभाग के विकास के लिए आई सरकारी निधि का सही इस्तेमाल करने के बजाय उसका गलत तरीके से दुरुपयोग किया गया, जिससे वार्ड की हालत जस की तस बनी हुई है। इन तमाम समीकरणों ने मतदाताओं को एक नए और बेहतर विकल्प की ओर मुड़ने पर मजबूर कर दिया है। जनता अब पुराने चेहरों और बाहरी उम्मीदवारों से तंग आ चुकी है और उन्हें एक ऐसे नेतृत्व की तलाश थी जो उन्हीं के बीच का हो।
यही कारण है कि यामिनी आशीष मंडपे अब प्रभाग क्रमांक 1 के मतदाताओं की पहली और आखिरी उम्मीद बन गई हैं। एक स्थानीय निवासी होने के नाते वे प्रभाग की हर समस्या से भली-भांति परिचित हैं। उनकी उच्च शिक्षा, युवा सोच, और बेदाग ईमानदार छवि ने उन्हें जनता के दिलों में खास जगह दिला दी है। मतदाता मानते हैं कि एक शिक्षित और युवा महिला ही भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन और वास्तविक विकास की नींव रख सकती है। कुल मिलाकर, चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, प्रभाग 1 का माहौल पूरी तरह से यामिनी मंडपे के पक्ष में झुकता नजर आ रहा है, जो यह दर्शाता है कि जीत इस बार सच्चाई और सेवाभाव की ही होगी।